Uncategorized
कांवड़ यात्रा के बीच में ‘गुंडई’ करने वाले गिरफ्तार!
हरिद्वार जिले के रुड़की में कांवड़ यात्रा की आड़ में शर्मनाक गुंडागर्दी का मामला सामने आया है। बेलड़ा के पास हाईवे पर मामूली टच को लेकर कुछ कथित कांवड़ियों ने स्कॉर्पियो कार को निशाना बना लिया—कार पर लाठियों से हमला, शीशे तोड़े, और चालक को पीट-पीटकर घायल कर दिया।
यह शिवभक्ति नहीं—साफ तौर पर सड़क पर अराजकता है।
जो लोग “बोल बम” का नारा लगाते हुए भोलेनाथ के नाम पर दूसरों की गाड़ियों को तोड़ते हैं, वह श्रद्धालु नहीं, समाज के लिए ख़तरा हैं।
🔥ये हैं असली तथ्य:
- कार सिर्फ छू गई, लेकिन कांवड़ियों को यह “ईगो” पर इतना गहरा लगा कि उन्होंने स्कॉर्पियो पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया।
- भीड़ ने ड्राइवर आशू गिरी को घेर लिया और मारपीट शुरू कर दी।
- जाम लगाने की भी कोशिश की गई, जिससे आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ा।
पुलिस ने वायरल वीडियो के आधार पर तुरंत एक्शन लिया और गाजियाबाद के रहने वाले 5 आरोपियों को दबोच लिया।
👨✈️ जिन्हें पुलिस ने पकड़ा:
- मनीष (उम्र 19),
- अनुराग (उम्र 20),
- अमन (उम्र 18),
- अभिषेक (उम्र 24),
- कपिल (उम्र 19)।
—सभी आरोपी विजयनगर, गाजियाबाद के रहने वाले हैं।
इनके खिलाफ BNS की धाराओं 117(2), 324(4), 126(2) के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है और उन्हें कोर्ट में पेश किया जा रहा है।
✍️ सवाल जनता का, सरकार से भी और समाज से भी:
👉 क्या कांवड़ यात्रा अब धर्म का उत्सव है या भीड़तंत्र की दहशत?
👉 क्या शिवभक्त वही हैं जो शांत, संयमित और श्रद्धालु होते हैं—या फिर लाठी लेकर सड़क पर दहशत फैलाने वाले?
👉 क्या प्रशासन हर जगह इतने सजग रहेगा, या अगली बार कोई बेकसूर अपनी जान गंवाएगा?
कांवड़ यात्रा आस्था की यात्रा है, न कि ‘बदमाशी’ का लाइसेंस।
जो भोले के नाम पर डंडा उठाए—समझ लो, न वो भक्त है, न इंसान।
शिवभक्ति में शक्ति होनी चाहिए, शोर-शराबा नहीं।
अगर आपकी आस्था किसी आम आदमी की सुरक्षा पर भारी पड़ रही है, तो आप धर्म नहीं, हिंसा का प्रचार कर रहे हैं।
🛑 इस तरह की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि आस्था को बदनाम करने वाले नकली भक्तों को रोका जा सके।
📢 सच बोलना ही धर्म है।
💣 सच का धमाका – एटम बम
www.atombombnews.com







