उत्तराखण्ड
जातिवादी उत्पीड़न के खिलाफ उठी आवाज, राजस्थान की घटना को लेकर मालधन में भी प्रदर्शन।
रामनगर।राजस्थान के सुराणा गांव में सरस्वती शिशु मंदिर के हेड मास्टर द्वारा 9 वर्षीय छात्र इंद्र मेघवाल की पीट-पीटकर हत्या किए जाने से खिलाफ सामाजिक, राजनीतिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने मालधन में धरना प्रदर्शन कर आक्रोश व्यक्त किया तथा राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए मृतक इंद्र के परिजनों को ₹50 लाख मुआवजा व एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की।
मलधन वार्ड नंबर 2 के तिराहे पर धरने का संचालन करते हुए युवा एकता संगठन के संयोजक इंद्रजीत ने कहा कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार जातिवादी मानसिकता से ग्रसित है तथा वह मुआवजे को लेकर भी भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि 2 महीने पहले राजस्थान में कन्हैया लाल की हत्या पर उन्होंने पर सरकार ने ₹50 लाख रुपए मुआवजा व एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी की घोषणा की थी परंतु इस दलित बच्चे की मौत पर सरकार मात्र ₹5 लाख का मुआवजा देकर अपना पल्ला झाड़ रही है।
एडवोकेट मदन मेहता ने कहा कि जातिवाद देश में नासूर बन चुका है। पिछले दिनों सवर्ण जाति के बच्चों ने खटीमा के एक स्कूल में दलित भोजन माता के हाथ का बना भोजन ग्रहण करने से इनकार कर दिया था। आज भी दलित दूल्हों को घोड़ी पर नहीं चढ़ने देने की घटनाएं सामने आ रही है जो कि इस बात का सबूत हैं कि देश को आजाद हुए 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी देश से जातिवादी उत्पीड़न खत्म नहीं हुआ है।
महिला एकता मंच की कौशल्या ने कहा कि देश से जातिवाद को खत्म करने के लिए जरूरी है कि देश में दोहरी शिक्षा प्रणाली को खत्म किया जाए तथा सभी को निशुल्क व वैज्ञानिक शिक्षा की गारंटी दी जाए। उन्होंने कहा कि देश के संविधान में संशोधन करके सभी देशवासियों के लिए सम्मानजनक रोजगार को मौलिक अधिकार घोषित किया जाए।
धरना स्थल पर हुई सभा को मुनीष कुमार, पूजा देवी,सरस्वती जोशी, रीना देवी, गीता आर्या,सावित्री देवी ,जगदीश चंद्र मनमोहन अग्रवाल, दिनेश चंद् ,सुनिल टम्टा आदि ने संबोधित किया।
कार्यक्रम में महिलाओं समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्र से आए हुए प्रतिनिधियों ने भागीदारी की।