उत्तराखण्ड
ABVP की गुंडागर्दी चरम पर, पुलिस की मिलीभगत से हमलावर बेखौफ
उत्तराखंड में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की गुंडागर्दी अब बर्दाश्त के बाहर हो चुकी है। हल्द्वानी के एमबीपीजी कॉलेज में भगत सिंह के जन्मदिवस पर आयोजित कार्यक्रम में ABVP के कार्यकर्ताओं ने हिंसक रूप धारण कर लिया, जिसमें परिवर्तनकामी छात्र संगठन के नेताओं पर जानलेवा हमला किया गया। इस हमले का शिकार सिर्फ छात्र नेता ही नहीं, बल्कि पत्रकार भी हुए, लेकिन पुलिस प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
क्या है पूरा मामला?
आज एमबीपीजी कॉलेज, हल्द्वानी में परिवर्तनकामी छात्र संगठन द्वारा शहीद भगत सिंह के जन्मदिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम के अंतर्गत छात्रों में हस्ताक्षर अभियान और पर्चा वितरण का आयोजन किया जा रहा था। लेकिन, ABVP के लंपटों को यह देशभक्ति का कार्यक्रम रास नहीं आया। उन्होंने बिना किसी उकसावे के संगठन के नेता चंदन और महेश पर हमला बोल दिया।
हैरानी की बात यह है कि इस हिंसा में सिर्फ छात्र नेता ही निशाना नहीं बने, बल्कि हिंदुस्तान अखबार के पत्रकार प्रमोद डालाकोटी पर भी हमला किया गया।
पुलिस प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में
समाजवादी लोकमंच के संयोजक मुनीष कुमार ने आरोप लगाया हैं कि इस हमले के बावजूद पुलिस ने न तो रिपोर्ट दर्ज की है और न ही हमलावरों की गिरफ्तारी की है। यह चुप्पी कहीं न कहीं राज्य की भाजपा सरकार और उसके मातहत पुलिस प्रशासन की मिलीभगत की ओर इशारा करती है। आखिर क्यों ABVP के कार्यकर्ताओं को कानून से ऊपर माना जा रहा है? क्या उत्तराखंड में ABVP को गुंडागर्दी करने का लाइसेंस मिल चुका है?
पत्रकार पर हमला – अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रहार
हिंदुस्तान अखबार के पत्रकार प्रमोद डालाकोटी पर किया गया हमला न सिर्फ निंदनीय है, बल्कि यह पत्रकारिता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी सीधा हमला है। यह साफ दर्शाता है कि ABVP के गुंडे अब मीडिया को भी निशाना बनाने से नहीं हिचकिचा रहे।
आखिर कब होगी कार्रवाई?
इस घटना के बाद पूरे प्रदेश में आक्रोश व्याप्त है। सवाल यह उठता है कि आखिर पुलिस कब तक ऐसे हमलावरों को खुली छूट देती रहेगी? पत्रकारों और छात्रों की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब कौन देगा?
समाजवादी लोकमंच के संयोजक मुनीष कुमार ने कहा कि हमलावरों को तत्काल गिरफ्तार कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने कहा कि ABVP की गुंडागर्दी को रोकने के लिए अब जनता को भी संगठित होकर आवाज उठानी होगी।