उत्तराखण्ड
रामनगर:वन निगम में भौतिक नीलाम बंद किए जाने से कारोबारियों में रोष
वन निगम में भौतिक नीलाम बंद किए जाने से कारोबारियों में रोष
रामनगर। उत्तराखंड वन विकास निगम ने हाल ही में सभी छोटे और बड़े प्रकाष्ठ नीलाम को भौतिक रूप से बंद कर ई-नीलामी के माध्यम से किए जाने का फैसला लिया है। इस निर्णय से स्थानीय लकड़ी व्यापारियों में गहरा असंतोष और रोष व्याप्त है। वन व्यवसायी संघ के अनुसार यह फैसला छोटे और मझौले व्यापारियों के हितों के खिलाफ है और इससे उनका कारोबार प्रभावित हो सकता है।
रविवार को रामनगर में वन व्यवसायी संघ की एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें संघ के अध्यक्ष संजीव कुमार ने कहा कि इस निर्णय से राज्य में कमीशन पर काम करने वाले छोटे व्यापारियों की आजीविका पर संकट आ सकता है। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया से बड़े पूंजीपति और इजारेदार इस व्यापार पर कब्जा कर सकते हैं, जबकि छोटे और मझौले व्यापारी इससे बाहर हो जाएंगे।
बैठक के दौरान लकड़ी कारोबारियों ने निगम के इस निर्णय की आलोचना की और इसे वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि ई-नीलामी की प्रक्रिया में तकनीकी चुनौतियां होंगी और इससे उन व्यापारियों के लिए समस्या खड़ी होगी जिनके पास डिजिटल साधनों तक पहुंच सीमित है।
वन व्यवसायी संघ ने यह भी फैसला किया कि वे राज्य के अन्य नगरों के लकड़ी व्यापारियों से संपर्क कर इस मामले पर आगे की रणनीति बनाएंगे। इस बैठक में अध्यक्ष संजीव कुमार के अलावा प्रवक्ता लईक अहमद सैफी, जोधा सिंह, पवन अग्रवाल, शफीक अहमद और अन्य कई प्रमुख लकड़ी व्यापारी मौजूद रहे।
व्यापारियों का कहना है कि यदि यह आदेश वापस नहीं लिया गया तो वे मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाने पर विचार करेंगे। वन निगम से उनकी अपील है कि वे इस निर्णय पर पुनर्विचार करें और व्यापारियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए एक व्यवहारिक समाधान निकालें।