उत्तराखण्ड
अंकिता भंडारी हत्याकांड: महिला एकता मंच 22 मार्च को करेगा जुलूस प्रदर्शन, सीबीआई जांच की मांग तेज
अंकिता भंडारी हत्याकांड: महिला एकता मंच 22 मार्च को करेगा जुलूस प्रदर्शन, सीबीआई जांच की मांग तेज
रामनगर। अंकिता भंडारी हत्याकांड में न्याय की मांग अब और तेज हो गई है। महिला एकता मंच ने 22 मार्च, शनिवार को लखनपुर चौक से जुलूस प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। मंच की मांग है कि इस जघन्य अपराध की निष्पक्ष जांच सीबीआई से कराई जाए, ताकि दोषियों को कड़ी सजा मिल सके।
महिला एकता मंच की बैठक में सरकार पर गंभीर आरोप
ग्राम हिम्मतपुर डोटियाल में आयोजित महिला एकता मंच की बैठक में मंच संयोजक ललिता रावत ने कहा कि सितंबर 2022 में अंकिता भंडारी को एक रिसॉर्ट में काम करने के दौरान वीआईपी की “विशेष सेवा” के लिए मजबूर किया जा रहा था। जब उसने इसका विरोध किया तो उसे बेरहमी से मार दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने सबूत मिटाने के लिए अपराध स्थल पर बुलडोजर चला दिया, ताकि असली गुनहगारों को बचाया जा सके।
“यह लड़ाई सिर्फ अंकिता की नहीं, उत्तराखंड की हर बेटी की है”
मंच की वरिष्ठ सदस्य सरस्वती ने कहा कि अंकिता भंडारी की हत्या केवल एक लड़की का मामला नहीं, बल्कि उत्तराखंड की लाखों बेटियों की सुरक्षा से जुड़ा सवाल है। अगर इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हुई, तो यह महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा, “हम तब तक शांत नहीं बैठेंगे जब तक अंकिता को न्याय नहीं मिल जाता।”
22 मार्च को लखनपुर चौक से होगा बड़ा प्रदर्शन
मंच की सदस्य कौशल्या ने बताया कि 22 मार्च, शनिवार को सुबह 11 बजे लखनपुर चौक से एक बड़ा जुलूस प्रदर्शन निकाला जाएगा। इस प्रदर्शन के माध्यम से सरकार पर दबाव बनाया जाएगा कि वह इस मामले को सीबीआई को सौंपे। उन्होंने न्यायप्रिय नागरिकों और महिलाओं से इस प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर शामिल होने की अपील की।
महिलाओं ने दिखाई एकजुटता, सरकार को दी चेतावनी
बैठक में कल्पना, प्रीति, लता, दीपा, कविता, सलौनी, भगवती, सुमन, भावना, नीमा, पुष्पा, शांति सहित कई महिलाओं ने भाग लिया। सभी ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही सीबीआई जांच के आदेश नहीं दिए गए, तो यह आंदोलन और व्यापक होगा।
न्याय की मांग पर अडिग महिलाएं
महिला एकता मंच ने साफ कर दिया है कि यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक कि असली गुनहगारों को सलाखों के पीछे नहीं भेजा जाता। मंच ने जनता से भी इस मुहिम में समर्थन देने की अपील की है।
क्या सरकार अब भी खामोश रहेगी, या इस न्याय की पुकार सुनेगी? यह देखना बाकी है।




