उत्तराखण्ड
रामलीला के मंचन से पहले “महाभारत”, फिर तहसीलदार ने किया शांति का पाठ
रामलीला के मंचन से पहले “महाभारत”, फिर तहसीलदार ने किया शांति का पाठ
रामनगर (नैनीताल): प्रगतिशील सांस्कृतिक पर्वतीय समिति के रामलीला का इंतजार कर रहे लोग इस बार राम और रावण के युद्ध की बजाय “महाभारत” का लाइव शो देखने को मजबूर हो गए हैं! समिति के सदस्यों और पदाधिकारियों के बीच लंबे समय से चली आ रही तनातनी ने रामलीला के आयोजन पर ऐसा ताला लगा दिया कि भगवान राम के दर्शन तो दूर, लोग समिति के बीच चल रहे “कुरुक्षेत्र” के गवाह बन गए।
कहानी में ट्विस्ट तब आया, जब तहसीलदार साहब ने खुद मोर्चा संभाल लिया और आज एक “शांति बैठक” की अध्यक्षता की। बैठक का परिणाम? रामलीला होगी, लेकिन चंदे पर रोक! जी हां, समिति के बीच जारी विवाद को देखते हुए चंदा मांगने पर फिलहाल “अश्वमेध यज्ञ” जैसा प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालांकि, अगर कोई दानदाता खुद अपनी “सोने की लंका” लेकर आना चाहता है, तो उसका स्वागत होगा—बस, दरवाजे खुले हैं, आप अंदर आइए!
आगे की रणनीति पर भी मुहर लगी—रामलीला का आयोजन कैसे हो, इसके लिए 8 लोगों की एक कमेटी गठित की गई है, जो इस बार रावण को मंच पर लाने से पहले खुद की “विभीषण” बनने की कोशिश करेगी। अब देखना यह होगा कि इस “रामलीला” का असली मंचन होता है या फिर समिति की “महाभारत” अगले सीज़न के लिए और मसाला दे जाएगी!