उत्तराखण्ड
बिजनेस उत्तरायणी मंथन 2024: ढेला में स्वरोजगार पर हुआ विचार मंथन
उत्तराखंड: कॉर्बेट पार्क के पास रामनगर के वसंत कॉर्बेट रिजॉर्ट में 25 दिसंबर 2024 को हिमालय रिसोर्सेस एनहैंसमेंट समिति द्वारा बिजनेस उत्तरायणी के राष्ट्रीय अधिवेशन ‘मंथन 2024’ का भव्य आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम उत्तराखंड में स्वरोजगार और उद्यमिता को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों और उद्यमियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसमें प्रमुख अतिथियों ने भाग लिया। इसमें रामनगर महाविद्यालय के प्राचार्य मोहन चंद्र पांडे, असिस्टेंट जीएसटी कमिश्नर कोटद्वार मितेश्वर आनंद, रामनगर होटल मैनेजमेंट कॉलेज के निदेशक आलोक गोसाई, वरिष्ठ उद्यमी सीबी टम्टा, रामनगर होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष हरी मान, नेशनल सीड कारपोरेशन के पूर्व सीएमडी वीके गौड़, और कानिया स्थित महिला संसाधन केंद्र की संचालिका अनीता आनंद शामिल थे।
स्वरोजगार के क्षेत्र में विचार-विमर्श
कार्यक्रम में रामनगर, हल्द्वानी, नैनीताल, अल्मोड़ा, चमोली, पौड़ी, देहरादून, दिल्ली और एनसीआर से लगभग 125 उद्यमियों और जागरूक व्यक्तित्वों ने भाग लिया। इन प्रतिभागियों ने उत्तराखंड में स्वरोजगार और उद्यमिता से संबंधित विषयों पर अपने अनुभव साझा किए।
विभिन्न विशेषज्ञों ने अपने विचार प्रस्तुत किए, जिनमें शामिल थे:
चंदन नयाल (ओखलकांडा)
कविता जयाला बिष्ट (पिथौरागढ़)
सुधीर सुंदरियाल और प्रेम बहुखंडी (पौड़ी)
देवेंद्र मेहता (द्वारका)
जीवन सिंह (ढेला)
मोनिका नेगी (भटिंडा)
नितेश्वर आनंद (असिस्टेंट जीएसटी कमिश्नर, कोटद्वार)
जीएस रावत (वरिष्ठ अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट दिल्ली)
पंकज करगैती (सौर ऊर्जा विशेषज्ञ)
मुख्य वक्तव्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
उत्तराखंड के मुख्य स्थाई अधिवक्ता सीएस रावत ने स्वरोजगार और मंथन के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर ग्राम ढेला के बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर माहौल को जीवंत बना दिया।
आयोजन की सफलता में योगदान
कार्यक्रम का संचालन बिजनेस उत्तरायणी के संयोजक नीरज बवाड़ी ने किया, जबकि आयोजन को सफल बनाने में दिगंबर बवाड़ी, नवेंदु मठपाल, विनोद मधवाल और तारा बवाड़ी ने मुख्य भूमिका निभाई। वसंत कॉर्बेट रिजॉर्ट के प्रबंध निदेशक इंद्र रावत ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया।
यह आयोजन स्वरोजगार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ, जिसमें उत्तराखंड के विभिन्न जिलों और अन्य राज्यों से आए उद्यमियों ने अपने अनुभव और विचार साझा कर नई संभावनाओं के द्वार खोले।