उत्तराखण्ड
कैमरे का खेल: मंत्री जी हड़काए या खुद हड़क गए?
कैमरे का खेल: मंत्री जी हड़काए या खुद हड़क गए?
देहरादून में उत्तराखंड की राजनीति का एक और रंगीन तमाशा सामने आया है। अब नया ट्रेंड है—कैमरे ऑन करो और अधिकारी को हड़काओ, ताकि जनता के सामने “हीरो” वाली इमेज बने। बड़े अधिकारी छोटे कर्मचारी को हड़काते हुए वीडियो शूट कराते हैं, और सरकार के मंत्री-अधिकारी का तमाशा मीडिया में परोसा जाता है।
लेकिन इस बार पासा उल्टा पड़ गया। मामला है धामी सरकार के कद्दावर मंत्री गणेश जोशी का। मंत्री जी पूरे मूड में थे, कैमरे के सामने डीएम देहरादून सविन बंसल को हड़काने का सीन रचा गया। समर्थक मोबाइल कैमरा ऑन कर चुके थे और “कट-टेक-रोल” वाला माहौल बन चुका था।
मगर स्क्रिप्ट गड़बड़ा गई—डीएम सविन बंसल ने मंत्री जी को एक शब्द तक नहीं कहा। चुपचाप हाथ जोड़कर बिना बहस किए निकल लिए। नतीजा ये हुआ कि वीडियो में मंत्री जी की गरजती आवाज से ज्यादा उनकी बेचैनी झलकने लगी, और डीएम की चुप्पी ने मंत्री जी का कद और भी छोटा कर दिया।
असल शिकायत भी सुन लीजिए—डीएम साहब ने मंत्री जी की कॉल रिसीव नहीं की थी। अब भला अफसर हर वक्त फोन की घंटी पर नाचे, ये कोई नियम तो है नहीं। वैसे ये शिकायत पहले भी उठ चुकी है, यहाँ तक कि लोकसभा कार्यालय तक पहुंच चुकी है।
बहरहाल, ये घटना सिर्फ एक मंत्री बनाम डीएम का मामला नहीं है। यह उस बढ़ती अफसरशाही का आईना है, जहां सत्ता के गलियारों में विपक्ष ही नहीं, खुद सत्ताधारी विधायक और मंत्री भी बेबस और हताश नजर आते हैं।
अब जनता पूछ रही है—सरकार चल रही है या कैमरा क्रू?







