उत्तराखण्ड
मुख्यमंत्री धामी ने उच्च शिक्षा में गुणवत्ता और रोजगारपरकता पर दिया जोर, विदेशी भाषाओं और कौशल विकास का प्रशिक्षण अनिवार्य करने के निर्देश
मुख्यमंत्री धामी ने उच्च शिक्षा में गुणवत्ता और रोजगारपरकता पर दिया जोर, विदेशी भाषाओं और कौशल विकास का प्रशिक्षण अनिवार्य करने के निर्देश
देहरादून। उत्तराखंड में उच्च शिक्षा को रोजगारपरक, गुणवत्तापरक और व्यवहारिक बनाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को कई अहम निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बढ़ाने, व्यावसायिक और उद्यमिता आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने तथा डिग्रीधारकों को सीधे रोजगार से जोड़ने के प्रयास तेज किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से युवाओं के कौशल विकास पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विदेशी भाषाओं और कौशल विकास का प्रशिक्षण युवाओं को दिया जाए ताकि विदेशों में रोजगार के अवसर मिल सकें। इसके लिए विदेशों की मानव संसाधन आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षण तैयार करने तथा विदेशी दूतावासों से संपर्क कर वहां की मांग के अनुसार युवाओं को दक्ष बनाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए शिक्षकों को आधुनिक तकनीक पर आधारित प्रशिक्षण दिया जाए। शिक्षण सहायक सामग्री की उपलब्धता, पुस्तकालयों में पर्याप्त किताबें और प्रयोगशालाओं में आधुनिक उपकरणों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही उन्होंने ‘भारत दर्शन योजना’ के तहत मेधावी छात्रों को देश के प्रमुख शिक्षण संस्थानों का भ्रमण कराने की बात कही।
राज्य के अधिक से अधिक विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को NAAC ग्रेडिंग सिस्टम में शामिल करने के प्रयासों को गति देने के निर्देश भी दिए गए। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप राज्य में उच्च शिक्षा को उन्नत बनाने की दिशा में ठोस और त्वरित कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री ने पाठ्यक्रमों को नवाचार से जोड़ने, प्रतिष्ठित संस्थानों से सहयोग लेने और विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित पुस्तकें निशुल्क उपलब्ध कराने के लिए ई-लाइब्रेरी सिस्टम को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके अलावा कॉलेजों में व्यावसायिक कोर्स शुरू करने के भी निर्देश दिए गए।
इस महत्वपूर्ण बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम और डॉ. रंजीत सिन्हा समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।




