उत्तराखण्ड
चुनाव से पहले हत्या की साजिश! कुंडा में खुला संगठित अपराध का जाल, एक प्रत्याशी को जिताने के लिए की गई युवक की हत्या — दो गिरफ्तार, एक फरार
चुनाव से पहले हत्या की साजिश! कुंडा में खुला संगठित अपराध का जाल, एक प्रत्याशी को जिताने के लिए की गई युवक की हत्या — दो गिरफ्तार, एक फरार
रिपोर्ट: ATOM BOMB न्यूज़ डेस्क
उत्तराखंड:ऊधम सिंह नगर के कुंडा क्षेत्र में लोकतंत्र को लहूलुहान करने की संगीन साजिश का पर्दाफाश हुआ है। एसएसपी मणिकांत मिश्रा की अगुवाई में कुंडा पुलिस ने वो सच उजागर किया है, जिसे सुनकर हर जिम्मेदार नागरिक के रौंगटे खड़े हो जाएं। इस बार अपराधी सिर्फ लूटपाट या बदला लेने के लिए हत्या नहीं कर रहे, बल्कि पूरा ‘चुनाव जिताने का खेल’ खून से खेला जा रहा है।
दरअसल, कुंडा क्षेत्र में हाल ही में एक युवक की निर्मम हत्या को पहले एक आम आपराधिक घटना समझा जा रहा था, लेकिन जब पुलिस ने गहराई से जांच शुरू की तो मामला सीधा ‘सियासी हत्या’ का निकला। एक सुनियोजित साजिश के तहत इस युवक की जान ली गई — और कारण सिर्फ इतना कि इससे एक ‘विशेष’ चुनावी प्रत्याशी को राजनीतिक फायदा मिल सके।
🎯 क्या था साजिश का प्लान?
इस हत्या का मकसद था — समाज में डर और सहानुभूति का माहौल पैदा करना, ताकि एक खास प्रत्याशी को वोटों की फसल काटने में फायदा मिल सके। यानी एक मासूम की जान, सिर्फ इसलिए ले ली गई कि उसके खून से कोई नेता अपनी राजनीतिक ज़मीन सींच सके।
ये कोई साधारण वारदात नहीं, बल्कि एक पूरी संगठित आपराधिक लॉबी का खेल है — जो कुंडा और आसपास के इलाके में चुनावों को प्रभावित करने के लिए सक्रिय थी।
🚨 दो आरोपी गिरफ्तार, एक फरार
एसएसपी मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में बनी विशेष टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए बलविंदर सिंह और सुखविंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। ये दोनों आरोपी न सिर्फ हत्या में शामिल थे, बल्कि पुलिस को दी गई जानकारी के अनुसार, एक बड़े चुनावी गिरोह का हिस्सा हैं।
तीसरा आरोपी सतनाम, अब भी फरार है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लगातार दबिश दे रही हैं।
🧨 राक्षसी आपराधिक इतिहास
गिरफ्तार सुखविंदर और फरार सतनाम के नाम उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के थानों में दर्जनों संगीन मुकदमों से सजे हैं। हत्या, डकैती, लूट, गैंगस्टर एक्ट, आर्म्स एक्ट — इन अपराधियों का नाम अपराध की हर किताब में दर्ज है। 25 मुकदमे इन दोनों के खिलाफ पहले से ही दर्ज हैं।
फिर सवाल उठता है —
❓ ऐसे अपराधियों को किसने संरक्षण दिया? ❓ किस प्रत्याशी के इशारे पर चली युवक की लाश पर वोटों की चाल? ❓ क्या अब चुनाव जीतने का नया तरीका है — हत्या?
🧠 लोकतंत्र के नाम पर खून?
ये सिर्फ हत्या नहीं — ये लोकतंत्र की हत्या है। जब चुनावी फायदे के लिए अपराधी एक मासूम की जान ले सकते हैं, तो सोचिए सत्ता में आने के बाद वो क्या-क्या कर सकते हैं।
क्या अब चुनाव सभ्य तरीके से नहीं, संगठित अपराध से लड़े जाएंगे? क्या वोट अब विचारधारा पर नहीं, लाशों पर डाले जाएंगे?
⛔ कौन है वो चुनावी प्रत्याशी?
अब सबसे बड़ा सवाल — जिसे जिताने के लिए खून बहाया गया, वो नेता कौन है?
क्या कुंडा पुलिस उसे भी पकड़ने की हिम्मत दिखाएगी या जांच सिर्फ इन तीन गुर्गों पर आकर खत्म हो जाएगी?
क्या पुलिस और प्रशासन में इतनी हिम्मत है कि वो इस साजिश की जड़ों तक पहुंचे? या फिर ये पूरा मामला चुनाव खत्म होने तक दबा दिया जाएगा?
ATOM BOMB की सीधी मांग:
- इस हत्याकांड में चुनावी साजिश रचने वाले असली मास्टरमाइंड की भी गिरफ्तारी हो।
- चुनाव आयोग को तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप कर चुनावी माहौल में भय पैदा करने वाले तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
- अगर किसी प्रत्याशी का नाम सामने आता है, तो उसे तुरंत चुनाव से डिसक्वालिफाई किया जाना चाहिए।
ये खबर सिर्फ एक हत्या की नहीं, लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है।
हम पूछेंगे, हम दिखाएंगे, और अगर ज़रूरत पड़ी — तो एटम बम की तरह फूटेंगे।
🧨 सत्य है हथियार, पत्रकारिता है युद्ध!
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✍ Editor – खुशाल रावत








