उत्तराखण्ड
मालधन में महिला एकता मंच का एलान – “नशा नहीं, इलाज दो आंदोलन” होगा तेज
रामनगर (नैनीताल) मालधन क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल तस्वीर को लेकर महिला एकता मंच फिर एकजुट हो गया है। मंच ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मालधन में डॉक्टर प्रमोद कुमार पांडे की नियुक्ति को जनता के संघर्ष की जीत बताते हुए क्षेत्रवासियों का आभार जताया। मंच ने कहा कि यह उपलब्धि विगत 18 अगस्त को मालधन बाजार, शिक्षण संस्थान और बैंकों को बंद रखने जैसी सामूहिक लड़ाई का नतीजा है।
बैठक में मंच ने “नशा नहीं, इलाज दो” आंदोलन को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। महिलाओं ने साफ कहा कि मालधन अस्पताल में मानकों के मुताबिक सर्जन, निश्चेतक, प्रसूति रोग विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट और पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति होनी चाहिए। साथ ही बलगम व टीबी की जांच की सुविधा और सभी दवाइयां अस्पताल से ही उपलब्ध कराई जाएं। इस मुद्दे पर महिलाएं जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल बनाकर सीएमओ नैनीताल से मिलेंगी, जिसके बाद चक्का जाम और बड़े आंदोलन की रणनीति तय होगी।
महिला एकता मंच की सरस्वती ने सरकार पर सीधा आरोप लगाया कि उसने संविदा डॉक्टरों के अनुबंध विस्तार के मामले में 1 सितंबर को उच्च न्यायालय के समक्ष गलत जानकारी दी। उन्होंने कहा—“हकीकत यह है कि मालधन सहित पूरे उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी है, जबकि सरकार न्यायालय को गुमराह कर रही है कि अधिकांश पद भरे जा चुके हैं। मालधन अस्पताल इस झूठ का जीता-जागता सबूत है, जहां आधे से ज्यादा पद खाली पड़े हैं।”
बैठक में महिलाओं ने शराब के खिलाफ मोर्चा खोलने का भी निर्णय लिया। मंच ने कहा कि कच्ची और अवैध शराब पर रोक लगाने के साथ ही नव सृजित शराब की दुकानों को बंद किया जाए। गोपाल नगर में खोली गई शराब की दुकान के खिलाफ महिलाएं जल्द ही आबकारी विभाग का घेराव करेंगी।
बैठक में भगवती, रजनी, ममता, पुष्पा, देवी आर्य, कौशल्या, शोनी और सरला समेत कई महिलाएं मौजूद रहीं।







