उत्तराखण्ड
“आजादी के 76 वर्षों बाद भी महिलाओं को बराबरी का अधिकार वास्तविक रूप में नहीं मिला”
रामनगर।महिला एकता मंच द्वारा आज सुंदरखाल में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर महिला अधिकार सभा का आयोजन किया गया तथा देश की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले को उनके स्मृति दिवस पर श्रद्धांजलि भी दी गई ।
महिला एकता मंच की कौशल्या ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि आज हम महिलाओं को सार्विक मताधिकार तथा जो भी नाम मात्र के अधिकार मिले हैं वे हमारी पूर्वज महिलाओं के संघर्षों की ही देन हैं। उन्होंने कहा कि देश के संविधान में महिलाओं को बराबरी का अधिकार दर्ज है परंतु आजादी के 76 वर्षों बाद भी हम महिलाओं को बराबरी का अधिकार वास्तविक रूप में नहीं मिल पाया है। आज महिलाएं न घर में सुरक्षित हैं और न ही बाहर।
सरस्वती जोशी ने कहा कि हमें बताया जा रहा है कि देश में प्रति व्यक्ति सालाना ₹2 लाख से भी ज्यादा हो चुकी है। इस तरह पांच आदमी के परिवार की आय प्रतिमाह 80 हजार रुपए से भी अधिक है परंतु इस पैसे का बंटवारा गैर बराबरी पूर्ण है। एक तरफ देश में चंद औद्योगिक घरानों की धन दौलत तेजी से बढ़ रही है वहीं दूसरी तरफ 85 करोड़ लोग दो वक्त के भोजन के लिए सरकारी राशन पर जिंदा हैं। विद्यावती शाह ने कहा कि लोकतंत्र में जब सभी लोग बराबर है तो विधवा और वृद्धा पेंशन मात्र ₹1500 मासिक क्यों है तथा भोजन माता, आंगनवाड़ी व आशा वर्कर को इतना कम मानदेय क्यों दिया जाता है उन्होंने कहा कि जब तक महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त नहीं बनाया जाएगा तब तक महिलाओं की बराबरी के बारे में बातें करना निरर्थक साबित होता रहेगा।
मंच की विद्यावती शाह ने 8 मार्च को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग करते हुए बताया कि 13 मार्च को ग्राम हिम्मतपुर डोटियाल में भी दिन में 11 बजे से महिला अधिकार सभा का आयोजन किया जाएगा।
कार्यक्रम में किशोरियों द्वारा पहाड़ की चेली ले व गीत गा रहे है आज हम गीत प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम में गौरा देवी,दीपा देवी, गिरीश आर्या, किसन शर्मा, आदि लोगो द्वारा विचार व्यक्त किए गए।
कार्यक्रम में सुंदरखाल , चौड़ा,रामनगर से महिलाओं द्वारा भागीदारी की गई।