Connect with us

उत्तराखण्ड

हत्या आरोपी के नाम पर जारी हुआ फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र: हल्द्वानी में बड़ा फर्जीवाड़ा बेनकाब, नगर निगम-कब्रिस्तान कमेटी के पदाधिकारियों पर मुकदमा

हत्या आरोपी के नाम पर जारी हुआ फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र: हल्द्वानी में बड़ा फर्जीवाड़ा बेनकाब, नगर निगम-कब्रिस्तान कमेटी के पदाधिकारियों पर मुकदमा
By Atom Bomb News Desk | 23 May 2025

हल्द्वानी — उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर में ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने पुलिस और प्रशासन दोनों की नींद उड़ा दी है। एक हत्या के आरोपी के नाम पर फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया—जबकि वह आरोपी अब भी जीवित है और फिलहाल ज़मानत पर बाहर घूम रहा है। इस फर्जीवाड़े की पोल खुलते ही नगर निगम से लेकर कब्रिस्तान कमेटी तक हड़कंप मच गया है।

बनभूलपुरा थाना प्रभारी निरीक्षक नीरज भाकुनी ने बताया कि उन्हें जांच के दौरान जानकारी मिली कि एक हत्या आरोपी की मौत का प्रमाणपत्र नगर निगम द्वारा जारी किया जा चुका है, जबकि वह व्यक्ति जिंदा है। पुलिस ने तुरंत नगर निगम को इसकी सूचना दी। इस पर मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी मनोज कांडपाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए लिखित शिकायत दर्ज कराई।

शिकायत के आधार पर पुलिस ने कब्रिस्तान कमेटी के पदाधिकारी इकबाल अंसारी, उनके पुत्र तनवीर अहमद समेत अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है।

कई सवाल, कई शक – कौन-कौन हैं इस खेल में शामिल?

पुलिस अब यह जांच कर रही है कि—

  • आखिर कैसे नगर निगम जैसे सरकारी संस्थान से यह फर्जी प्रमाणपत्र जारी हुआ?
  • क्या इस पूरे खेल में नगर निगम के किसी कर्मचारी की मिलीभगत है?
  • किसने कब्रिस्तान कमेटी से मृतक के दफनाने का झूठा प्रमाण जुटाया?
  • क्या यह पूरा प्लान आरोपी को सजा से बचाने के लिए रचा गया था?

हत्या आरोपी का नाम अब जांच के घेरे में

सूत्रों के अनुसार, यह हत्या का आरोपी किसी पुराने आपराधिक मामले में सजा काट चुका है और फिलहाल जमानत पर बाहर है। उसकी ‘कागजों में मौत’ दिखाकर उसे पूरी तरह कानून की पकड़ से बाहर निकालने की तैयारी थी।

प्रशासन की कार्यशैली पर उठे सवाल

इस घटना ने नगर निगम की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। सवाल यह भी है कि बिना किसी मूल मृत्यु प्रमाण और मेडिकल दस्तावेजों के, किस आधार पर मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किया गया? क्या नगर निगम में बैठा कोई व्यक्ति इस पूरे खेल का हिस्सा था?

यह सिर्फ एक फर्जीवाड़ा नहीं, बल्कि कानून को ठेंगा दिखाने की कोशिश है। अगर समय रहते यह खुलासा नहीं होता, तो हत्या जैसा गंभीर अपराध करने वाला आरोपी ‘मृत’ मानकर कानून की पकड़ से बाहर हो जाता।

पुलिस का दावा – जल्द होंगे और खुलासे

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में कुछ और नाम जल्द सामने आ सकते हैं। एक संगठित गिरोह के शामिल होने की भी आशंका जताई जा रही है जो फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र, जमीन हड़पने और वारिस बदलने जैसे मामलों में सक्रिय हो सकता है।

यह मामला हल्का नहीं है। यदि प्रशासन ने अब भी आंखें मूंद लीं, तो कल कोई भी अपराधी फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाकर सिस्टम को ठेंगा दिखाता नजर आएगा। यह जांच सिर्फ एक केस की नहीं, पूरे सिस्टम की साख का सवाल है।

जुड़े रहिए www.atombombnews.com पर, हम आपको इस मामले से जुड़े हर अपडेट, हर खुलासे और हर साजिश का पर्दाफाश दिखाएंगे, सबसे पहले।

Ad Ad Ad

More in उत्तराखण्ड

Trending News

संपादक –

नाम: खुशाल सिंह रावत
पता: भवानीगंज, रामनगर (नैनीताल)
दूरभाष: 9837111711
ईमेल: [email protected]

You cannot copy content of this page