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उत्तराखण्ड

राज्य में उच्च शिक्षा की हालत गंभीर, कहीं प्राइमरी स्कूल तो कही गन्ना सेंटर में चल रहे महाविद्यालय

राज्य सरकार ने पिछले दो वर्ष में जिन 14 नए राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना की है, उनमें से 13 महाविद्यालयों के पास न तो अपना भवन है और न पूरा स्टाफ। भवन की व्यवस्था प्राइमरी स्कूल, गन्ना सेंटर, आश्रम या बंद पड़े सरकारी विद्यालयों में की गई है।

इन महाविद्यालयों में दूसरा शैक्षणिक सत्र शुरू होने वाला है, लेकिन सिर्फ एक महाविद्यालय को छोड़कर अन्य को अब तक भूमि नहीं मिल पाई है।

सरकार ने उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत गदपुर, नानकमत्ता, देवाल, खिर्सू, कल्जीखाल, भूपतवाला, दन्या, हल्द्वानी शहर, खाड़ी, मोरी, रामगढ़, पैठाणी, मीठीबेरी और देहरादून शहर में नए महाविद्यालयों की स्थापना की।

राजकीय व्यावसायिक महाविद्यालय पैठाणी के परिसर में प्रशासनिक व शैक्षणिक भवनों के अलावा 50-50 बेड के दो छात्रावासों का निर्माण हो चुका है। जबकि अन्य 13 महाविद्यालयों को लेकर पहले सत्र में भूमि चयन को लेकर प्रक्रिया चलती रही।

अब दूसरा सत्र शुरू होने वाला है, लेकिन इनमें से सिर्फ राजकीय महाविद्यालय दन्या को ही भूमि मिल पाई है। अन्य महाविद्यालयों के प्रक्रिया अब भी गतिमान है। नए महाविद्यालयों में 157 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 87 पद रिक्त चल रहे हैं। सरकार की ओर से नए महाविद्यालय खोलने का उद्देश्य स्कूली शिक्षा के बाद उन विद्यार्थियों को शिक्षा जोड़े रखना है, जो किन्हीं कारणों से शहर तक नहीं पहुंच पाते हैं या उन्हें प्रवेश नहीं मिल पाता है। परंतु संसाधनों के अभाव के चलते ऐसे विद्यार्थियों की समस्या अब भी दूर नहीं हो सकी है। उच्च शिक्षा की यह हकीकत पूरी व्यवस्था को आइना दिखा रही है।

नए महाविद्यालयों की स्थिति-
राजकीय महाविद्यालय हल्द्वानी शहर

हल्द्वानी के गौलापार में स्वीकृत महाविद्यालय एक पुराने स्कूल के भवन में चल रहा रहा है। जिसके पहले सत्र में 352 विद्यार्थी पंजीकृत हुए। यहां शिक्षकों के पांच पद रिक्त चल रहे हैं।

राजकीय महाविद्यालय दन्या

अल्मोड़ा जिले में स्वीकृत राजकीय महाविद्यालय दन्या इंटर कालेज के भवन में चल रहा है। जिसके पहले सत्र में 32 विद्यार्थी पंजीकृत हुए। यहां शिक्षकों के छह पद दिक्त चल रहे हैं।

राजकीय महाविद्यालय देहरादून शहर

देहरादून जिले में स्वीकृत महाविद्यालय सुद्धोवाला महिला पालीटेक्निक संस्थान के चार कमरों में चल रहा है। जिसके पहले सत्र में 206 विद्यार्थी पंजीकृत हुए। यहां शिक्षकों के 10 पद रिक्त चल रहे हैं।

राजकीय महाविद्यालय गदरपुर

ऊधम सिंह नगर जिले में स्वीकृत राजकीय महाविद्यालय गदरपुर, गन्ना सेंटर में संचालित किया जा रहा है। जिसके पहले साल 52 विद्यार्थी पंजीकृत हुए। यहां शिक्षकों के दो पद रिक्त चल रहे हैं।
राजकीय महाविद्यालय नानकमत्ता

ऊधम सिंह नगर जिले में स्वीकृत राजकीय महाविद्यालय नानकमत्ता, प्राथमिक विद्यालय में चलाया जा रहा है। जिसके पहले सत्र में 333 विद्यार्थी पंजीकृत हुए। यहां शिक्षकों के सात पद रिक्त चल रहे हैं।

राजकीय महाविद्यालय देवाल

राजकीय महाविद्यालय देवाल का संचालन तौलर में खाली पड़े शिक्षा विभाग के एक भवन किया जा रहा है। जिसके पहले सत्र में 49 विद्यार्थी पंजीकृत हुए। यहां शिक्षकों के चार पद रिक्त चल रहे हैं।

राजकीय महाविद्यालय खिर्सू

राजकीय महाविद्यालय खिर्सू वर्तमान में बीआरसी भवन के दो हालनुमा कमरों में चल रहा है। जिसके पहले सत्र में आठ विद्यार्थी पंजीकृत हुए। यहां शिक्षकों के तीन पद रिक्त चल रहे हैं।

राजकीय महाविद्यालय कल्जीखाल

राजकीय महाविद्यालय कल्जीखाल का संचालन पुराने खंड विकास अधिकारी कार्यालय में हो रहा है। जिसके पहले सत्र में सात विद्यार्थी पंजीकृत हुए। यहां शिक्षकों के तीन पद रिक्त चल रहे हैं।

राजकीय महाविद्यालय भूपतवाला

श्री मोहनानंद आश्रम भीमगोड़ा के पांच कमरों में चल रहा है। जिसके पहले सत्र में 74 विद्यार्थी पंजीकृत हुए। यहां शिक्षकों के 12 पद रिक्त चल रहे हैं।

राजकीय महाविद्यालय मोरी

उत्तरकाशी जिले के सीमांत ब्लाक मोरी में स्वीकृत महाविद्यालय, जीआइसी मोरी के तीन कक्षों में चल रहा है। जिसके पहले सत्र में 59 विद्यार्थी पंजीकृत हुए। यहां शिक्षकों के सभी पद भरे हुए हैं।

राजकीय महाविद्यालय रामगढ़

नैनीताल जिले में स्वीकृत रामगढ़ डिग्री कालेज, इंटर कालेज के कुछ कमरों में चल रहा है। जिसके पहले सत्र में 40 विद्यार्थी पंजीकृत हुए। यहां शिक्षकों के दो पद रिक्त चल रहे हैं।

राजकीय महाविद्यालय मीठीबेरी

राजकीय महाविद्यालय मीठीबेरी, लालढांग स्थित मीठीबेरी पंचायत में चल रहा है। जिसके पहले सत्र में महज 12 विद्यार्थी पंजीकृत हुए। यहां शिक्षकों के चार पद रिक्त चल रहे हैं।

राजकीय महाविद्यालय खाड़ी

राजकीय महाविद्यालय खाड़ी का संचालन जाजल इंटर कालेज में किया जा रहा है। जिसके पहले सत्र में महज 21 विद्यार्थी पंजीकृत हुए। यहां शिक्षकों का एक पद रिक्त चल रहा है।

वहीं, उप निदेशक उच्च शिक्षा डा. आरएस भाकुनी का इस मामले में कहना है कि नए महाविद्यालयों के स्थायी भवन के लिए जमीन हस्तांतरित किए जाने की प्रक्रिया जारी है। दन्या महाविद्यालय के लिए जमीन हस्तांतरित हो गई है, रामगढ महाविद्यालय के लिए 25 नाली जमीन देखी गई है।

मूरी में ग्राम पंचायत की ओर से जमीन दान देने की बात कही गई है। संबंधित जिले के जिलाधिकारियों को भी इस संबंध में पत्र लिखा गया है।

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