उत्तराखण्ड
हरदा के रण छोड़ने से बागी बनकर रण में उतरे संजय।
नैनीताल जिले की रामनगर विधानसभा सीट पर कांग्रेस की आपसी गुटबाजी के चलते चर्चा में हैं।कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत और कभी उनके खासम खास रहे रणजीत सिंह रावत के बीच इस सीट पर दावेदारी को लेकर हुए विवाद में प्रदेश भर में रामनगर विधानसभा सीट चर्चा के केंद्र में हैं।प्रदेश में फिर से मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हरीश रावत रामनगर विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ना चाह रहे थे। उनको यह सीट प्रदेश में सबसे सुरक्षित लगी,जहां से अपनी जीत आसान मान रहे थे लेकिन रणजीत रावत के बगावती तेवर से उनको यहां से अपनी दावेदारी वापस लेनी पड़ी।रणजीत रावत को अंतिम समय तक मनाने में नाकाम होने के बाद हरीश रावत को राम नगर से बदलकर लाल कुआं सीट पर पार्टी उम्मीदवार घोषित करना पड़ा। उनकी जगह रामनगर से महेंद्र पाल को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया और रणजीत रावत को सल्ट भेज दिया।साथ ही रणजीत रावत को रामनगर विधानसभा सीट पर पार्टी उम्मीदवार महेंद्र पाल को चुनाव लड़ाने की भी जिम्मेदारी दी गई। ऐसा करके पार्टी नेतृत्व ने रामनगर विधानसभा सीट पर कांग्रेसी गुटबाजी को कम करने की कोशिश की है लेकिन गुटबाजी कम होगी ऐसा लगता नहीं हैं क्योंकि अब हरीश रावत के करीबी ने बगावत का झंडा उठा लिया हैं।पूर्व ब्लॉक प्रमुख और वर्तमान में जेष्ठ प्रमुख संजय नेगी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए शुक्रवार को अपना नामांकन पर्चा भी दाखिल कर दिया है।
निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पर्चा दाखिल करने वाले संजय नेगी कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबी हैं।युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रह चुके संजय नेगी 2017 में कांग्रेस से रामनगर विधानसभा सीट पर टिकट मांग रहे थे लेकिन पार्टी ने टिकट रणजीत रावत को दिया।वह इस बार भी टिकट की कोशिश में थे। हरीश रावत और रणजीत रावत के बीच बढ़ती दूरियों से संजय नेगी को उम्मीद थी कि हरीश रावत उनको टिकट दिला देंगे लेकिन हरीश रावत के रामनगर से विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताने के बाद संजय नेगी ने अपनी टिकट लेने की चाह छोड़ हरीश रावत को चुनाव लड़ाने की तैयारी शुरू कर दी थी।वह इस बात से संतुष्ट थे कि रामनगर विधानसभा सीट पर रणजीत रावत का टिकट कट रहा है हरीश रावत को मिल रहा हैं।
जेष्ठ ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी रामनगर विधानसभा सीट पर हरीश रावत की उम्मीदवार से उनकी जीत के प्रति आश्वस्त थे।हरीश रावत के यहाँ से जीतने और फिर मुख्यमंत्री बनने की संभावनाओं से उनको भी लाभ मिलने की आशा थी लेकिन आखिरी वक़्त में पार्टी के फैसले ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। अपने नेता हरीश रावत को रामनगर सीट की उम्मीदवारी से हटाकर लालकुआं भेजने से उनको बेहद धक्का लगा हैं।दूसरा महेंद्र पाल को उम्मीदवार बनाना उनको पसंद नही आया।
जेष्ठ ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी अब निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में आ गए है।अपने नामांकन से पहले उन्होंने अपने घर पर समर्थकों को एकत्रित चुनाव लड़ने के लिए उनकी सहमति मांगी।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव ने फ़ोन पर संजय नेगी से पार्टी प्रत्याशी महेंद्र पाल को चुनाव लड़ाने को कहा, साथ ही अपने बागी तेवर छोड़ने को कहा। पार्टी उम्मीदवार महेंद्र पाल के भाई एडवोकेट बहादुर पाल भी संजय नेगी से मिले और उन्हें मनाने की कोशिश की।
बताया जा रहा है पार्टी उम्मीदवार महेंद्र पाल द्वारा एक बार भी उनके पास आकर न मिलने से संजय नेगी नाराज थे।
बहरहाल संजय नेगी ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा दाखिल कर कांग्रेस उम्मीदवार महेंद्र पाल के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी हैं।