उत्तराखण्ड
“उसे चुनाव अस्पताल का ठेकेदार लड़ा रहा, मुझे जनता”
रामनगर नगर पालिका चुनाव में भाजपा के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। पार्टी से बगावत कर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरे नरेन्द्र शर्मा ने भाजपा के लिए डैमेज कंट्रोल के प्रयासों को नाकाम कर दिया है। सांसद अनिल बलूनी, जिन्होंने सभी बागी उम्मीदवारों को नामांकन वापस लेने के लिए मना लिया था, नरेन्द्र शर्मा को मनाने में असफल रहे।
नामांकन वापस लेने के लिए ट्रैकिंग का आरोप
नरेन्द्र शर्मा ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें नामांकन वापस लेने के लिए ट्रैक किया जा रहा था। उन्होंने बताया, “मुझे कई वाहनों के जरिए ट्रैक किया गया। अगर उम्मीदवार चयन से पहले मुझसे बात कर ली जाती, तो शायद आज यह नौबत नहीं आती।”
भाजपा उम्मीदवार पर तीखा हमला
भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार को निशाने पर लेते हुए नरेन्द्र शर्मा ने कहा कि वह “अस्पताल के ठेकेदार का उम्मीदवार” है। उन्होंने स्थानीय विधायक पर भी तीखे हमले करते हुए उनके नेतृत्व और कार्यशैली पर सवाल खड़े किए।
रामनगर में नशे और जुए के खिलाफ अभियान
नरेन्द्र शर्मा ने अपने चुनावी एजेंडे को स्पष्ट करते हुए कहा कि वह रामनगर में नशे और जुए के अवैध कारोबार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए मैदान में उतरे हैं। उन्होंने दावा किया कि जनता उन्हें इस मुद्दे पर समर्थन दे रही है और वह किसी भी हालत में पीछे नहीं हटेंगे।
भाजपा के लिए संकट
रामनगर में इस बगावत ने भाजपा की स्थिति कमजोर कर दी है। पार्टी को डर है कि नरेन्द्र शर्मा की मजबूत पकड़ और उनकी मुद्दों पर आधारित राजनीति, भाजपा उम्मीदवार को भारी नुकसान पहुंचा सकती है।
रामनगर के चुनावी समीकरणों में यह बगावत भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है। अब देखना यह होगा कि क्या नरेन्द्र शर्मा की यह लड़ाई रामनगर की राजनीति में कोई बड़ा बदलाव ला सकेगी।