उत्तराखण्ड
देहरादून की सड़कों पर नौकरी के जंग: पेपर लीक कांड में सरकार कटघरे में, बेरोजगारों ने धामी सरकार को दी खुली चुनौती”
देहरादून में पेपर लीक कांड पर आज सियासत और सड़कों का माहौल गर्मा गया। बेरोजगारी से नाराज़ युवाओं ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।
पेपर लीक पर फूटा गुस्सा
उत्तराखंड बेरोजगार संगठन और स्वाभिमान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार को राजधानी देहरादून की सड़कों पर बेरोजगार युवाओं का हुजूम उतर आया। आंदोलनकारियों ने सरकार पर बेरोजगारों के साथ छल का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। युवाओं की साफ मांग है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करें और पुख्ता कार्रवाई का आश्वासन दें।
प्रशासन के सख्त इंतज़ाम नाकाम
प्रशासन ने आंदोलन की घोषणा का अंदेशा पहले ही जताते हुए राजधानी में मजिस्ट्रेट ने BNS की धारा 163 लागू कर दी थी। घण्टाघर, चकराता रोड, सचिवालय रोड, राजपुर रोड, ईसी रोड, सहारनपुर रोड समेत 12 प्रमुख क्षेत्रों और उनके 500 मीटर दायरे में किसी भी सार्वजनिक सभा, जुलूस या पांच से अधिक लोगों के जुटने पर रोक थी। इसके बावजूद बड़े पैमाने पर प्रदर्शनकारियों ने पाबंदियों को तोड़ते हुए सड़कों पर मार्च निकाला और पुलिस प्रशासन को चुनौती दे डाली।
बेरोजगारों का आरोप
आंदोलनकारियों का कहना है कि बार-बार होने वाले पेपर लीक ने उनके भविष्य को बर्बाद कर दिया है। युवाओं को नौकरी का सपना दिखाकर सरकार ने लगातार धोखा दिया और दोषियों पर ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई। उनका स्पष्ट कहना है कि पेपर माफिया और भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत को लेकर सरकार जवाबदेह बने।
राजधानी का माहौल तनावपूर्ण
इस अचानक हुए जनसैलाब से शहर के कई हिस्सों में जाम और अफरा-तफरी का माहौल बन गया। पुलिस को एक ओर जहां बेरोजगार युवाओं को रोकने में भारी मशक्कत करनी पड़ी, वहीं दूसरी ओर नाराज़ प्रदर्शनकारी अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं दिखे।
सरकार पर सीधा दबाव
अब साफ है कि “पेपर लीक” प्रकरण सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द साबित हो रहा है। बेरोजगार संगठन मुखर होकर सीएम धामी से इस्तीफे और जिम्मेदारी तय करने की मांग कर रहे हैं। यदि सरकार ने जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो यह आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।







