उत्तराखण्ड
हिंदुत्व के नाम पर ‘चौथ वसूली’ का खेल! वायरल ऑडियो ने खोली दलाली की पोल, फौजी से वसूले 60 हजार
हिंदुत्व के नाम पर ‘चौथ वसूली’ का खेल! वायरल ऑडियो ने खोली दलाली की पोल, फौजी से वसूले 60 हजार
रामनगर।
हिंदुत्व की आड़ में दलाली और चौथ वसूली का ऐसा घिनौना चेहरा सामने आया है जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। भगवा गमछा ओढ़कर हिंदू धर्म की रक्षा के नाम पर सड़कों से लेकर थानों तक रौब झाड़ने वाले तथाकथित हिंदूवादियों का असली चेहरा तब उजागर हुआ, जब एक फौजी से जबरन वसूली का ऑडियो और स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
मामला पीरूमदारा क्षेत्र का है, जहां एक फौजी अपने ही मकान में रह रहे किरायेदार से परेशान होकर उसे घर खाली करवाना चाहता था। मामला कोतवाली तक पहुंचा, और तभी मौके पर खड़े विश्व हिंदू परिषद से जुड़े सूरज नामक व्यक्ति की निगाह फौजी पर पड़ी। सूरज ने खुद को संगठन का बड़ा पदाधिकारी बताकर 60 हजार रुपये में किरायेदार से छुटकारा दिलाने की ‘डील’ फाइनल कर डाली।
पुलिस और ग्रामीणों के प्रयासों से फौजी की समस्या सुलझ गई, लेकिन सूरज ने अपनी ‘फीस’ मांगनी शुरू कर दी। आरोप है कि सूरज ने दो स्कैनर नंबर—कल्पना वर्मा और एक अन्य के माध्यम से—फौजी से 30-30 हजार रुपये वसूल लिए।
फौजी ने जब इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी अन्य हिंदूवादी संगठनों को दी, तो मामला आग की तरह फैल गया। विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री, गौ रक्षा प्रमुख और जिला अध्यक्ष तक को इसकी सूचना दी गई। फौजी ने न सिर्फ पैसों के ट्रांजेक्शन के स्क्रीनशॉट दिए बल्कि वसूली की रिकॉर्डिंग भी सौंपी।
मामले के तूल पकड़ने पर सूरज बौखला गया। शुक्रवार को वह कुछ कार्यकर्ताओं के साथ फौजी के पास पहुंचा और पैर पकड़कर माफी मांगने लगा। इतना ही नहीं, उसने दबाव बनाने की कोशिश की कि फौजी एक वीडियो जारी कर दे जिसमें यह कहे कि पैसे संगठन के कार्यों के लिए दिए गए थे, न कि दलाली के लिए।
लेकिन सूरज की चाल यहां भी नाकाम हो गई क्योंकि फौजी पहले ही संगठन के शीर्ष पदाधिकारियों को पूरे प्रकरण की जानकारी दे चुका था। अब देखना दिलचस्प होगा कि विश्व हिंदू परिषद इस ‘दलालों की ब्रिगेड’ पर क्या कार्रवाई करती है, जो धर्म के नाम पर संगठन को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे।
गौरतलब है कि यह कोई पहला मामला नहीं है। पूर्व में भी रामनगर प्रखंड की पूरी टीम को भंग किया जा चुका है। अब एक बार फिर भगवा चोले में छिपे ऐसे सौदागरों का भंडाफोड़ हुआ है, जिसने हिंदू संगठनों की साख पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
क्या संगठन करेगा इन पर कार्रवाई या फिर चुप्पी साध ली जाएगी?
क्या धर्म की रक्षा के नाम पर चल रही इस दलाली पर ब्रेक लगेगा या सब चलता रहेगा?
अब फैसला संगठन के हाथ में है… लेकिन जनता देख रही है.




