उत्तराखण्ड
रामनगर ब्लॉक के KING बने नेगी,तीनों कुर्सियां एक ही खेमे में, भाजपा की हार!
रामनगर ब्लॉक में ‘सियासी मास्टरप्लान’ का कमाल – तीनों कुर्सियां एक ही खेमे में, भाजपा की हार!
रामनगर: ब्लॉक प्रमुख, ज्येष्ठ उपप्रमुख और कनिष्ठ उपप्रमुख—तीनों कुर्सियां आज एक ही खेमे में सजी दिखीं। नतीजे बिल्कुल वैसे आए जैसे चुनाव से पहले फिजाओं में फुसफुसाहट थी। मंजू नेगी ने ब्लॉक प्रमुख, उनके पति संजय नेगी ने ज्येष्ठ उपप्रमुख और मीना रावत ने कनिष्ठ उपप्रमुख की सीट पर कब्जा जमाया। 31 में से ज्यादातर क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने इन्हीं के पक्ष में पर्ची डाली।
31 जुलाई को क्षेत्र पंचायत सदस्यों के नतीजे आते ही सारा खेल सेट होने लगा था। उस समय से ही संजय नेगी ने यह ऐलान कर दिया था कि संख्या बल उनके पास है, और ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी “घर की शोभा” बनेगी। आज के नतीजे ने उनके हर शब्द को सच कर दिखाया।
दूसरी तरफ भाजपा का हाल ऐसा रहा मानो चुनाव शुरू होने से पहले ही ‘वाइट झंडा’ लहरा दिया हो। उम्मीदवार हंसा जलाल को आखिरी वक्त में टिकट थमाया गया, लेकिन कोई रणनीति, कोई आक्रामक खेल नहीं दिखा। शुरू में माना जा रहा था कि विधायक दीवान सिंह बिष्ट की बहू स्वेता बिष्ट उम्मीदवार होंगी, पर उन्होंने पर्चा भरने से ही इनकार कर दिया। नतीजा—पूरा चुनाव भाजपा का ‘लो बैटरी मोड’ में चला।
उधर, संजय नेगी ने हर पत्ता सोच-समझकर चला—टेढ़ा से निर्विरोध सदस्य बने, पत्नी को हिम्मतपुर डोढियाल से लड़ाया, बहन को विधायक की बहू के खिलाफ शंकरपुर भूल से उतारा। बहन मामूली अंतर से हारी, लेकिन पत्नी जीत गई। इसके बाद बाकी क्षेत्र पंचायत सदस्यों को जोड़कर आज ब्लॉक प्रमुख से लेकर कनिष्ठ उपप्रमुख तक सभी पदों पर अपना झंडा गाड़ दिया।
रामनगर ब्लॉक की इस चुनावी पटकथा में भाजपा और कांग्रेस महज़ दर्शक बनी रही, जबकि ‘प्लान बनाने वालों’ ने मैदान में उतरकर न सिर्फ जीत दर्ज की बल्कि यह भी दिखा दिया कि ब्लॉक की असली चाबी अब किसके पास है।
आज के नतीजे ने साबित कर दिया कि संजय नेगी ने सिर्फ ब्लॉक की राजनीति में वापसी नहीं की, बल्कि खुद को “रामनगर ब्लॉक का किंग” भी घोषित कर दिया है। भाजपा के लिए यह हार न सिर्फ प्रतिष्ठा का झटका है







