उत्तराखण्ड
नैनीताल:यूपी के बाहुबली विधायक की पत्नी की जमीन को सरकार ने कब्जे में लिया
नैनीताल
प्रदेश में भू-कानून के सख्त प्रवर्तन को लेकर राज्य सरकार ने नैनीताल जिले के बेतालघाट ब्लॉक में बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश के बाहुबली विधायक राजा भैया की पत्नी की भूमि को अपने अधिकार में ले लिया है। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य सरकार अब भू-कानून का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के मूड में है, चाहे वह कितने ही प्रभावशाली क्यों न हों।हलाकि राजा भैया और उनकी पत्नी के बीच लम्बे समय से विवाद चल रहा हैं और दोनों अलग अलग रहते हैं.
27.5 नाली भूमि पर कब्जा
बेतालघाट ब्लॉक के सिल्टोना गांव में वर्ष 2007 में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की पत्नी भावनी सिंह के नाम पर खरीदी गई 27.5 नाली जमीन को राज्य सरकार ने अपने कब्जे में लिया है। इस भूमि को स्थानीय निवासी आनंद बल्लभ से खरीदा गया था, लेकिन भूमि पर कृषि या किसी अन्य प्रकार की गतिविधि न होने के कारण, इसे राज्य के भू-कानून के तहत राज्य सरकार को निहित कर दिया गया।
भू-कानून की अनदेखी पर सख्ती
पटवारी रवि पांडेय ने शुक्रवार को क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों के साथ जमीन का मौका मुआयना किया। इस दौरान यह पाया गया कि खरीदी गई जमीन पर लंबे समय से किसी भी प्रकार की कृषि गतिविधि नहीं की गई है, जो जेडएएलआर एक्ट 1950 की धारा 154 (4) (3) (ख) का सीधा उल्लंघन है। इसी के आधार पर राज्य सरकार ने धारा 167 के तहत इस भूमि को 25 जून 2024 को अपने अधिकार में ले लिया था। अब शुक्रवार को राजस्व विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में इस भूमि पर कब्जा प्राप्त कर लिया है।
सरकार का संदेश साफ – भू-कानून का उल्लंघन नहीं बर्दाश्त
कैंची धाम के एसडीएम वीसी पंत ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि बेतालघाट और आसपास के इलाकों में खरीदी गई अन्य जमीनों की भी जांच की जा रही है। अगर किसी भी तरह की गड़बड़ी या कानून का उल्लंघन पाया जाता है, तो उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उनका स्पष्ट संदेश था कि भू-कानून को दरकिनार करने वाले चाहे कितने भी प्रभावशाली हों, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
विधायक राजा भैया की पत्नी के लिए बड़ा झटका
यूपी के प्रभावशाली नेता राजा भैया की पत्नी के लिए यह कार्रवाई एक बड़ा झटका साबित हो सकती है। इस कार्रवाई से राज्य सरकार ने एक बार फिर दिखा दिया है कि वह भू-कानून के उल्लंघन पर किसी प्रकार की रियायत देने के मूड में नहीं है। बेतालघाट के इस मामले से यह साफ हो गया है कि अब भू-माफियाओं या प्रभावशाली लोगों के लिए कानून से खिलवाड़ करना आसान नहीं होगा।
इस प्रकार की सख्त कार्रवाई से यह संदेश साफ है कि राज्य सरकार का रुख अब पूरी तरह से सख्त हो चुका है और भविष्य में भी भू-कानून के मामलों में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।