उत्तराखण्ड
देश के सभी नागरिकों के मुफ्त इलाज की गारंटी दे सरकार।
रामनगर।भारत सरकार स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार घोषित करे, तथा देश के सभी नागरिकों को सरकार निःशुल्क गुणवत्तापूर्ण इलाज की गारंटी की जाए, इस मांग को उठाते हुए गोहाना से आऐ वरिष्ठ सर्जन सीडी शर्मा ने कहा कि हमारे देश की सरकार स्वास्थ्य पर कुल सकल घरेलू उत्पाद का मात्र 1 प्रतिशत खर्च करती है जबकि इसे 10 प्रतिशत होना चाहिए। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सीडी शर्मा ने कहा कि जिस एम आर आई के 6-7 हजार रुपये मरीजों से वसूले जाते हैं उनकी लागत 5 सौ रुपयों से भी कम है। उन्होने काकोरी कांड के शहीद अशफाक उल्लाखां, राम प्रसाद बिस्मिल, रोशन सिंह व राजेन्द्र लाहिड़ी को श्रद्वांजली देते हुए कहा कि देश की सरकार नरभक्षियों की तरह से काम कर रही है। और देश में कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे रही है और सरकार ने इसे लेकर अभी तक गम्भीर इंतजाम नहीं किए हैं।
महिला एकता मंच की संयोजिका ललिता रावत ने कहा कि देश के नेताओं और अमीरों के लिए देश में 5 सितारा अस्पताल हैं परंतु देश के आम लोगों के सरकारी अस्पताल भी निजी क्षेत्र को बेचे जा रहे हैं। उन्होंने रामनगर के सरकारी अस्पताल को पीपीपी मोड पर दिये जाने की निंदा करते हुए कहा कि सरकार द्वारा 2 करोड़ रु ठेकेदार को प्रतिमाह भुगतान करने के बावजूद भी अस्पताल में स्थानीय आबादी को इलाज नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने ग्राम सुन्दरखाल की महिला को प्रसव के दौरान इलाज न मिल पाने के कारण उसके नवजात बच्चे की मौत के लिए राज्य सराकर को जिम्मेदार ठहराते हुए जनता से स्वास्थ्य के अधिकार के लिए आगे आने की अपील की।
जनकवि व भाकियू (उग्रराहा) के उत्तराखंड महासचिव बल्ली सिंह चीमा ने अपने गीतों के माध्यम से देश बेचने वालों के सोशल वायकाट करने करने का आह्वान किया।
मंच के संयोजक मुनीष कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य के अधिकार के लिए मंच की मुहिम आगे भी जारी रहेगी। मथुरा तथा रामनगर के बाद अगला कार्यक्रम 9 जनवरी को दिल्ली में क्रांतिकारी युवा संगठन के साथ मिलकर आयोजित किया जाएगा।
सरस्वती, कौशल्या व अनीता द्वारा प्रस्तुत जनवादी गीतों ने लोगों में जोश भर दिया।
सभा को इंद्रजीत सिंह, एडवोकेट ललित मोहन, रोहित, रुहेला आदि ने भी संबाधित किया। कार्यक्रम में रामनगर शहर व गामीण क्षेत्रों से महिलाओं समेत सैकड़ों लोगों ने भागीदारी की।