उत्तराखण्ड
जंगल के भीतर क्यारी गांव की बेटियों को मिली नई राह, नेचर बायो फूड्स कंपनी ने खोला निशुल्क सिलाई प्रशिक्षण केंद्र
रामनगर (नैनीताल):
सामाजिक सरोकार की एक मिसाल पेश करते हुए नेचर बायो फूड्स कंपनी ने अपनी रामनगर किसान परियोजना के अंतर्गत सोमवार को क्यारी गांव में एक निशुल्क सिलाई प्रशिक्षण केंद्र का शुभारंभ किया। जंगलों के बीच बसे इस सुदूरवर्ती गांव की महिलाओं और युवतियों को अब सिलाई जैसे व्यावसायिक कौशल सीखने के लिए शहर की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा।
नेचर बायो फूड्स कंपनी की टीम ने गांव का गहन अवलोकन कर यह महसूस किया कि यहां की महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना अत्यंत आवश्यक है। इसी सोच के साथ कंपनी ने गांव में ही सिलाई केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया, जिससे स्थानीय महिलाएं बिना किसी आर्थिक बोझ के अपने हुनर को निखार सकें।
उद्घाटन कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित रहे:
- अमित सिंह
- बहादुर सिंह बजवाल
- वीरेंद्र कुमार
- नरेंद्र बिष्ट
- नंदन मायल
- रेखा नेगी
- नीमा सती
- गीता बोहरा
कार्यक्रम के दौरान सभी ने कंपनी की इस सराहनीय पहल की मुक्तकंठ से प्रशंसा की और आशा जताई कि इस केंद्र से जुड़कर अनेक महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी।
कंपनी के प्रतिनिधियों ने बताया कि यह सिलाई केंद्र केवल प्रशिक्षण तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि भविष्य में प्रशिक्षित महिलाओं को रोज़गार से जोड़ने, सेल्फ-हेल्प ग्रुप के माध्यम से उत्पादों की ब्रांडिंग और बाजार उपलब्ध कराने जैसे कदम भी उठाए जाएंगे।
गांव की महिलाओं में दिखा उत्साह:
कई स्थानीय महिलाओं ने बताया कि उन्हें वर्षों से ऐसा अवसर नहीं मिला था। अब गांव में ही प्रशिक्षण शुरू होने से वे अपने घर-परिवार के साथ रहते हुए कुछ नया सीख सकेंगी।
यह पहल न केवल महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत कदम है, बल्कि ग्राम विकास और सतत आजीविका की दिशा में भी एक उदाहरण पेश करती है। नेचर बायो फूड्स कंपनी की यह पहल निश्चित रूप से अन्य संस्थाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत बनेगी।







