उत्तराखण्ड
रामनगर में आधी रात का पुलिस भूचाल: डेढ़ महीने में कोतवाल बदलने के पीछे किसकी चाल?
रामनगर में आधी रात का पुलिस भूचाल: डेढ़ महीने में कोतवाल बदलने के पीछे किसकी चाल?
नैनीताल: जिले की पुलिस तबादला सूची ने देर रात ऐसा धमाका किया कि रामनगर की गलियों में आज सुबह तक सिर्फ एक ही सवाल गूंजता रहा—कोतवाल सुशील कुमार को आखिर इतनी जल्दी क्यों हटाया गया?
महज़ डेढ़ माह रामनगर की कमान संभालने वाले सुशील कुमार को उसी जगह वापस भेज दिया गया, जहाँ से उन्हें लाया गया था—बनभूलपुरा थाना। ये फैसला जितना तेज था, उतना ही चौंकाने वाला भी।
सूत्रों की मानें तो इस फेरबदल में सिर्फ SSP ऑफिस की कलम नहीं चली, दिल्ली-देहरादून तक की गर्म हवा चली है। खबर है कि मुख्यमंत्री स्तर तक से सिफ़ारिश की फाइल घुमी है। अब यह सिफारिश किसके लिए थी और क्यों थी—यह सवाल अभी हवा में तैर रहा है, लेकिन इतना साफ है कि रामनगर की राजनीति और पॉवर-सर्कल में कुछ बड़ा खदबदा रहा है।
✔ किसे कहाँ भेजा गया? रातभर की लिस्ट का सार
- सुशील कुमार – हटाए गए, दो महीने बाद ही वापस भेजे गए बनभूलपुरा थाना।
- दिनेश फर्त्याल – रामनगर के नए कोतवाल नियुक्त।
- बीरेंद्र बिष्ट उर्फ बॉबी – पीरूमदारा पुलिस चौकी के नए इंचार्ज।
- सुनील धनिक – पीरूमदारा से हटाकर कैंची चौकी इंचार्ज।
- गगनदीप – गार्जिया चौकी से काठगोदाम थाना ट्रांसफर।
✔ सबसे बड़ा सवाल:
क्या सुशील कुमार का हटना सामान्य ट्रांसफर है…
या फिर रामनगर की किसी मज़बूत लॉबी की जीत?
क्योंकि किसी कोतवाल को डेढ़ महीने में हटाना सामान्य बात नहीं होती। स्थानीय लोग इसे “पावर गेम”, “लॉबी प्रेशर”, और “अंदरूनी खींचतान” से जोड़कर देख रहे हैं।
✔ रामनगर में हलचल
सुशील कुमार का हटना अचानक से हुआ है और यही ‘अचानक’ सबसे ज्यादा शक पैदा कर रहा है।
लोग पूछ रहे—
क्या सुशील कुमार किसी “ऊपर वालों ” खुश नहीं कर पा रहें थे?
या किसी की राह में आ गए थे?
या फिर किसी खास चेहरा–खुश–करो नीति के तहत उनका पत्ता कटा?
इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं, लेकिन इतना तय है कि रामनगर पुलिस प्रशासन इस फैसले से हिल गया है।
✔ नए कोतवाल के सामने चुनौती
दिनेश फर्त्याल अब कमान संभालेंगे, लेकिन जिस तरह से सुशील को हटाया गया है, उससे एक संदेश साफ है—
रामनगर में कुर्सी गर्म है, और यहाँ हर कदम फूंक–फूंक कर रखना होगा।








