उत्तराखण्ड
नैनीताल दुष्कर्म मामला: आरोपी और उसके परिवार का अंजुमन इस्लामिया ने किया धार्मिक और सामाजिक बहिष्कार, कहा – दरिंदों के लिए मस्जिद में भी जगह नहीं
नैनीताल दुष्कर्म मामला: आरोपी और उसके परिवार का अंजुमन इस्लामिया ने किया धार्मिक और सामाजिक बहिष्कार, कहा – दरिंदों के लिए मस्जिद में भी जगह नहीं
नैनीताल। 12 वर्षीय नाबालिग बालिका के साथ हुए दरिंदगी भरे दुष्कर्म कांड से नैनीताल का जनमानस हिल गया है। इस जघन्य अपराध से गुस्साए लोगों के बीच अब समाजिक संगठनों ने भी खुलकर मोर्चा खोलना शुरू कर दिया है। सोमवार को नैनीताल की प्रमुख सामाजिक संस्था अंजुमन इस्लामिया ने एक ऐतिहासिक और कठोर फैसला लेते हुए आरोपी उस्मान और उसके पूरे परिवार का सामाजिक और धार्मिक बहिष्कार करने की घोषणा कर दी।
अंजुमन इस्लामिया के सदर शोएब अहमद ने प्रेस वार्ता में कहा—
“इस तरह की घिनौनी हरकत करने वाला न तो इंसान कहलाने लायक है, न समाज में उसके लिए कोई जगह है। नैनीताल जैसे शांतिप्रिय और भाईचारे वाले शहर में इस तरह की दरिंदगी अस्वीकार्य है। हम ऐसे अपराधियों के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं करेंगे।”
मस्जिद में आने तक पर रोक:
अंजुमन इस्लामिया ने साफ किया है कि आरोपी को अब किसी भी धार्मिक आयोजन, सामूहिक नमाज या सामाजिक समारोह में शामिल नहीं होने दिया जाएगा। इतना ही नहीं, उसके मस्जिद में प्रवेश और सलाम करने पर भी पाबंदी लगा दी गई है। यह फैसला केवल आरोपी को दंडित करने का नहीं, बल्कि समाज को जागरूक करने का प्रयास बताया जा रहा है।
परिवार को भी किया गया बहिष्कृत:
इस फैसले की गंभीरता इस बात से समझी जा सकती है कि अंजुमन इस्लामिया ने आरोपी के पूरे परिवार को भी बहिष्कृत कर दिया है। संस्था का कहना है कि यदि समाज ऐसे मामलों में चुप्पी साधेगा, तो अपराधियों का हौसला और बढ़ेगा।
शहर में मिला व्यापक समर्थन:
अंजुमन के इस निर्णय को शहर भर से जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों और आम नागरिकों ने इसे नैतिक साहस का प्रतीक बताया है। लोग कह रहे हैं कि जब तक समाज खुद ऐसे अपराधियों को हर स्तर पर अलग-थलग नहीं करेगा, तब तक बच्चियों के खिलाफ होने वाली हैवानियत पर रोक लगाना मुश्किल होगा।
अब चुप नहीं रहेगा समाज:
यह फैसला एक साफ और बुलंद संदेश देता है— अब न अपराध छुपेंगे, न अपराधी बचेंगे। धर्म, जाति, समुदाय के नाम पर किसी भी दरिंदे को ढका नहीं जाएगा, बल्कि वह हर मंच पर जवाबदेह होगा।
पुलिस कार्रवाई जारी:
इधर, पुलिस इस मामले में तेजी से कार्रवाई कर रही है और आरोपी को न्यायिक प्रक्रिया के तहत कड़ी सजा दिलाने की मांग लगातार तेज होती जा रही है। लोगों की मांग है कि इस केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाकर आरोपी को जल्द से जल्द सख्त सजा दी जाए।
शोएब अहमद का दो टूक संदेश:
“हम यह फैसला केवल आरोपी के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे समाज को चेतावनी देने के लिए ले रहे हैं। जो बच्चियों की अस्मत को रौंदेगा, उसे न मस्जिद में जगह मिलेगी, न समाज में। हमारे लिए इंसानियत और न्याय पहले हैं, धर्म का नाम लेकर दरिंदगी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”




