उत्तराखण्ड
“ना गेम, ना सोशल मीडिया… 9वीं के छात्र ने रच दी ब्रह्मांड की किताब
छोटे वैज्ञानिक की बड़ी उड़ान: 14 वर्षीय हेमंत पांडेय की एस्ट्रोनॉमी पर लिखी पुस्तक का भव्य विमोचन
रामनगर – जब मोबाइल, वीडियो गेम और सोशल मीडिया की लत बच्चों को अपनी गिरफ्त में ले रही है, ऐसे समय में रामनगर के 14 वर्षीय हेमंत पांडेय ने एक ऐसी मिसाल पेश की है जो हर माता-पिता और छात्र को गर्व से भर दे। 9वीं कक्षा में पढ़ने वाले हेमंत ने ‘एस्ट्रोनॉमी’ जैसे जटिल विषय पर अपनी दूसरी किताब लिखी है – और वो भी इतनी सरल भाषा में कि बच्चे-बड़े सभी उसे पढ़कर अंतरिक्ष की गहराइयों को आसानी से समझ सकें।
पुस्तक का नाम है – “The Odyssey of the Universe (From the Smallest to the Largest) Part-1: The Solar System”, जो सौरमंडल की रहस्यमयी दुनिया को सरल शब्दों और सुंदर चित्रों के माध्यम से समझाती है। खास बात ये है कि इस किताब के 293 पन्नों के सभी चित्र भी खुद हेमंत ने बनाए हैं।
हेमंत के जन्मदिन पर इस विशेष पुस्तक का विमोचन एक भव्य समारोह में हुआ, जिसमें कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. साकेत बडोला, इग्नू दिल्ली के निदेशक डॉ. संदीप रावत, रिनेसा कॉलेज के निदेशक आलोक गुसाईं, और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. केसी जोशी जैसे प्रमुख अतिथि मौजूद रहे।
डॉ. साकेत बडोला ने कहा – “14 साल की उम्र में एस्ट्रोनॉमी जैसी विषय पर इतनी समझ और रचनात्मकता होना अद्भुत है। हेमंत की यह प्रतिभा हमारे देश के लिए एक उम्मीद की किरण है।” उन्होंने हेमंत के माता-पिता को भी बधाई दी, जो हमेशा बेटे को नए प्रयोगों के लिए प्रेरित करते हैं।
इग्नू के निदेशक डॉ. संदीप रावत बोले – “इतनी कम उम्र में एस्ट्रोनॉमी और वर्ल्ड हिस्ट्री जैसे विषयों पर पुस्तक लिखना एक कल्पनातीत उपलब्धि है। हेमंत जैसे बच्चे उत्तराखंड का नाम अंतरराष्ट्रीय पटल पर रोशन करेंगे।”
हेमंत के पिता एमपी हिंदू कॉलेज में मनोविज्ञान विषय के प्रवक्ता हैं, जो बच्चों की शिक्षा में निरंतर नवाचार के पक्षधर हैं। वहीं, हेमंत की माता एक आदर्श गृहणी हैं, जो अपने बेटे की पढ़ाई और रचनात्मकता को पूरा समर्थन देती हैं।
हेमंत कहते हैं – “मुझे अंतरिक्ष हमेशा रोमांचित करता था। मैंने सौरमंडल की जानकारी को आसान बनाकर बच्चों के लिए किताब तैयार की है ताकि हर कोई इसे समझ सके और विज्ञान से जुड़ सके।”
इस खबर से सीखने वाली बात:
हेमंत जैसे बच्चे यह साबित करते हैं कि अगर जिज्ञासा हो, मेहनत हो और माता-पिता का समर्थन मिले, तो कोई भी बच्चा असाधारण काम कर सकता है। यह खबर न सिर्फ प्रेरणादायक है, बल्कि बच्चों को विज्ञान की ओर आकर्षित करने वाली एक शानदार मिसाल है।
तो बच्चों, अगली बार जब आप आसमान में तारे देखें, तो याद रखिए – हेमंत जैसे किशोर वैज्ञानिक ने उसकी कहानी लिख डाली है!
क्या आप अगला हेमंत बनना चाहेंगे?







