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उत्तराखण्ड

ऑपरेशन कालनेमि से घबराए ढोंगी बाबा: देहरादून से भागने लगे नकली चमत्कारी

ऑपरेशन कालनेमि से घबराए ढोंगी बाबा: देहरादून से भागने लगे नकली चमत्कारी

देहरादून | 15 जुलाई 2025
धर्म की आड़ में चल रहे पाखंड और ठगी के कारोबार पर अब लगाम कसती नजर आ रही है। उत्तराखंड की देवभूमि में साधु-संतों के वेश में आकर लोगों की आस्था से खिलवाड़ करने वाले फर्जी बाबाओं की मुसीबतें बढ़ गई हैं। रायवाला क्षेत्र में दो ऐसे ढोंगी बाबाओं को पकड़ा गया है, जो खुद को ‘चमत्कारी’ बताकर लोगों को ठगने का धंधा कर रहे थे।

इन दोनों फर्जी बाबाओं के नाम हैं —

  1. इंद्रनाथ पुत्र संतराम, निवासी सपेरा बस्ती, हरिपुर कला, उम्र 45 वर्ष
  2. चेतनाथ पुत्र श्री लालू नाथ, निवासी सपेरा बस्ती, हरिपुर कला, उम्र 36 वर्ष

दोनों को स्थानीय पुलिस ने धर दबोचा और भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता (BNS) के तहत कार्रवाई की जा रही है।

अब चोला छोड़ भागे ‘चमत्कारी’ बाबा!

बीते कुछ दिनों से देहरादून में ‘चमत्कार’ बेचने वालों के खिलाफ चल रहे अभियान का असर साफ दिख रहा है। जैसे-जैसे कार्रवाई तेज हुई, वैसे-वैसे कई पाखंडी बाबा अपने झोले-चोले समेटकर अपने मूल राज्य लौटने लगे हैं। कुछ तो चुपचाप अपने भेष बदलकर नए पेशों की तलाश में लग गए हैं, तो कुछ डर के मारे दुबक गए हैं।

देहरादून पुलिस की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, अब तक 113 फर्जी बाबाओं पर कार्रवाई की जा चुकी है। ये सभी बाबा या तो बाहरी राज्यों से आए थे, या फिर खुद को स्थानीय संत बताकर आम जनता को भ्रमित कर रहे थे। इनमें से कई ने महिलाओं और युवाओं को उनकी निजी समस्याओं का ‘चमत्कारी समाधान’ देने का झांसा देकर ठगी की घटनाएं भी अंजाम दी हैं।

अब सिर्फ गिरफ्तारी नहीं, निगरानी भी

कार्रवाई यहीं तक सीमित नहीं है। पकड़े गए ढोंगी बाबाओं की जानकारी उनके मूल राज्यों की पुलिस को भी भेजी जा रही है, ताकि ऐसे लोगों की भविष्य में निगरानी हो सके और ये कहीं और जाकर फिर से वही खेल न शुरू कर दें।

सवाल अब भी ज़िंदा हैं…

हालांकि सवाल यह भी है कि इतने समय तक ये फर्जी बाबा खुलेआम कैसे घूमते रहे? क्या धार्मिक चोले की आड़ में ठगी को सामाजिक स्वीकृति मिल गई थी? और अब जब माहौल गर्म हुआ, तो ये बाबा भागने लगे—तो क्या इन्हें पहले किसी संरक्षक की शह मिली हुई थी?

जो भी हो, फिलहाल देवभूमि की हवा में ‘कालनेमि’ के नाम से डर घुल चुका है, और ढोंगियों की सांसें टंगी हुई हैं। लेकिन सवाल यही है—असली कालनेमि कब पकड़ में आएगा?


“आस्था के नाम पर ठगी बंद हो—यही देवभूमि की असली रक्षा है।”

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