उत्तराखण्ड
“अब नहीं झुकेंगे, अब नहीं रुकेंगे: उत्तराखंड के सपनों को साकार करने मैदान में उतरी क्षेत्रीय ताकतें, मिशन 2027 का बिगुल फूंकने रामनगर में जुटे जन नेता”
“अब नहीं झुकेंगे, अब नहीं रुकेंगे: उत्तराखंड के सपनों को साकार करने मैदान में उतरी क्षेत्रीय ताकतें, मिशन 2027 का बिगुल फूंकने रामनगर में जुटे जन नेता”
📍 रामनगर से रिपोर्ट | एटम बम न्यूज़
उत्तराखंड की राजनीति में एक बड़ा उबाल आया है। जोश, जुनून और जनक्रांति की चेतना के साथ अब क्षेत्रीय दलों और जन संगठनों ने 2027 की सत्ता पर अपनी दावेदारी ठोक दी है। उत्तराखंड के शहीदों के अधूरे सपनों को पूरा करने और जनता को दिल्ली-देहरादून की दोहरी सत्ता के कब्जे से मुक्त कराने के लिए मिशन उत्तराखंड 2027 का आग़ाज़ हो गया है।
रामनगर के अग्रवाल सभा भवन में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी की अगुवाई में देर शाम मंथन सभा की शुरुआत हुई। सभा में राज्य की राजनीति की दशा-दिशा, जनता की पीड़ा, और आने वाले चुनावों में क्षेत्रीय दलों की निर्णायक भूमिका को लेकर खुला विमर्श हुआ। इस ऐतिहासिक बैठक की अध्यक्षता उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पी.सी. तिवारी ने की, जबकि संचालन प्रखर सामाजिक कार्यकर्ता चारु तिवारी ने किया।
बैठक में उत्तराखंड की तमाम जानी-मानी क्षेत्रीय राजनीतिक ताकतें और सामाजिक संगठन शामिल हुए। उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकारी अध्यक्ष आनंद प्रकाश जुयाल, उत्तराखंड लोक वाहिनी के अध्यक्ष राजीव लोचन शाह, भारत की लोक जिम्मेदार पार्टी के महासचिव जे.सी. उप्रेती, स्वाभिमान पार्टी, भारत गठबंधन के संयोजक बलदेव राज सूद, मध्य प्रदेश के पूर्व विधायक बीपी पांडे, सामाजिक चिंतक आरपी सिंह, जन मैत्री संगठन के बच्ची सिंह बिष्ट, उत्तराखंड जन सैनिक समिति के राकेश ध्यानी, हाई कोर्ट के एडवोकेट डीके जोशी, कंडी सड़क संघर्ष समिति के अध्यक्ष पीसी जोशी, सुरेश चंद्र मठपाल, आर्येंद्र शर्मा, दिनेश उपाध्याय और कुलदीप मधवाल जैसे दर्जनों जमीनी नेता इस जनचिंतन में शामिल हुए।
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के प्रधान महासचिव प्रभात ध्यानी ने बताया कि बैठक कल भी जारी रहेगी जिसमें प्रदेशभर से अन्य जन संगठनों व पार्टियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। उनका कहना था कि राज्य में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, पलायन और लूट की जो राजनीतिक व्यवस्था बनी है, अब उसका विकल्प तैयार करने का समय आ गया है।
अबकी बार उत्तराखंडियों की सरकार?
बैठक के सूत्रधारों का कहना है कि मिशन 2027 सिर्फ चुनावी नारा नहीं, बल्कि एक जनक्रांति की शुरुआत है। “अब की बार क्षेत्रीय सरकार, जनभावना की सरकार” — यही नारा रामनगर में गूंज रहा है। जनता की उपेक्षा, शहीदों के साथ विश्वासघात और जन आंदोलनों के साथ धोखा अब और बर्दाश्त नहीं होगा।
यह बैठक सिर्फ एक ‘चर्चा’ नहीं, एक चेतावनी है — दिल्ली दरबार के इशारे पर चलने वाली सरकारों को, और उन नेताओं को जिन्होंने उत्तराखंड को प्रयोगशाला बना दिया।
🔥 ATOM BOMB का विश्लेषण:
यह बैठक उत्तराखंड की राजनीति में सत्ता परिवर्तन की भूमिका तैयार कर रही है। यदि ये क्षेत्रीय ताकतें एक मंच पर ईमानदारी से टिकीं, तो 2027 में बड़ा उलटफेर तय है।
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