उत्तराखण्ड
हाईकोर्ट के डंडे से हिले अफसर – SHO रामनगर हटे
हाईकोर्ट के डंडे से हिले अफसर – SHO रामनगर हटे
नैनीताल/रामनगर।
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रामनगर के एक रिसॉर्ट विवाद पर मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए रामनगर कोतवाल (SHO) को हटाने का आदेश दिलवा दिया। मामला अमगढ़ी स्थित ननाऊ स्पा एंड रिजॉर्ट के बगल में बने वंसा इको रिजॉर्ट की मालिकाना हक से जुड़ा है। इस विवाद में कोर्ट को पुलिस की भूमिका संदिग्ध लगी, जिस पर उसने तल्ख रुख दिखाया।
तीन दिन पहले ही हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान रामनगर SHO पर तीखी टिप्पणी करते हुए राज्य सरकार से कहा था कि उन्हें तत्काल हटाया जाए। लेकिन जब मंगलवार को फिर सुनवाई हुई तो कोर्ट ने नाराज़गी जताते हुए पूछा कि SHO को अभी तक हटाया क्यों नहीं।
कोर्ट ने साफ कह दिया कि अगर SHO को आज ही न हटाया गया, तो वह खुद SHO को निलंबित कर देगी और डीजीपी व नैनीताल एसएसपी पर अवमानना नोटिस जारी किया जाएगा। कोर्ट की इस सख्ती के बाद राज्य सरकार को झुकना पड़ा और शपथपत्र देकर जानकारी दी कि SHO को रामनगर से हटा दिया गया है।
रिसॉर्ट विवाद और ‘भाड़े के गुंडे’ का खेल
इस विवाद की जड़ अमगढ़ी में बने वंसा इको रिजॉर्ट से जुड़ी है। यहां आलोक नंदा और सुशांत कुमार व रामकुमार नामक व्यक्तियों के बीच लंबे समय से मालिकाना विवाद चल रहा है। दोनों पक्ष अब तक कई बार एक-दूसरे के खिलाफ कोतवाली में FIR दर्ज करा चुके हैं।
कुछ दिन पहले यह विवाद तब और भड़क गया जब कथित तौर पर भाड़े पर बुलाए गए युवकों की पूरी गैंग रिसॉर्ट की जमीन पर कब्जा करने पहुंच गई। उनका वीडियो सोशल मीडिया पर भी अपलोड हुआ।
आलोक नंदा ने आरोप लगाया कि यह सब दूसरे पक्ष ने पुलिस की मिलीभगत से कराया। उनके वकील ने हाईकोर्ट में वह वीडियो पेश किए, जिसमें लोग रिसॉर्ट की प्रॉपर्टी में जबरन घुसने का प्रयास कर रहे थे।
आलोक नंदा ने कोर्ट में यह भी शिकायत कि बीते दिन पुलिस ने 4-5 घंटे डिटेन करके कोतवाली में रखा फिर धमकी देकर छोड़ा.
इसी आधार पर कोर्ट ने पुलिस पर गंभीर सवाल उठाए और कार्रवाई के आदेश दिए।
राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट को जानकारी दी कि SHO रामनगर को हटा दिया गया है.







