उत्तराखण्ड
उत्तराखंड स्थापना दिवस पर राज्य आंदोलनकारियों का संकल्प: शहीदों के सपनों का उत्तराखंड बनाएंगे
रामनगर। उत्तराखंड राज्य के 25वें स्थापना दिवस पर राज्य आंदोलनकारियों ने लखनपुर के शहीद पार्क में एकत्रित होकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और राज्य निर्माण आंदोलन के दौरान अपनी जान न्योछावर करने वाले वीरों के सपनों को साकार करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर आंदोलनकारियों ने राज्य की मौजूदा स्थिति पर नाराजगी जताई और सरकारों पर राज्य के विकास को लेकर उदासीनता का आरोप लगाया।
श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित आंदोलनकारियों ने राज्य की बदहाल शिक्षा व्यवस्था, चिकित्सा सुविधाओं की कमी, और जंगली जानवरों के आतंक से बर्बाद हो रही खेती के कारण हो रहे पलायन पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य की अवधारणा केवल भौगोलिक सीमा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें उन बुनियादी आवश्यकताओं का समावेश है जिनके लिए आंदोलनकारियों ने संघर्ष किया था। वक्ताओं ने कहा कि सत्तारूढ़ सरकारों ने राज्य के वास्तविक विकास को नजरअंदाज कर दिया है, जिससे राज्य का उद्देश्य अधूरा रह गया है।
आंदोलनकारियों ने खटीमा, मसूरी और मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा देने की मांग उठाई और गैरसैण को उत्तराखंड की स्थाई राजधानी घोषित करने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने हाल ही में हुई मरचूला बस दुर्घटना में मृतकों को श्रद्धांजलि दी और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
इस मौके पर राज्य निर्माण आंदोलनकारी मंच के संयोजक चंद्रशेखर जोशी, प्रभात ध्यानी, पुष्कर दुर्गापाल, डॉ. धनेश्वरी घिल्डियाल, सुमित्रा बिष्ट, पीतांबरी रावत, हरिमोहन मोहन, शेर सिंह लटवाल, इंद्र सिंह मनराल, पान सिंह नेगी, राजेंद्र खुल्बे, रईस अहमद, नीमा सती, और कमला जोशी जैसे प्रमुख आंदोलनकारी उपस्थित रहे।