उत्तराखण्ड
मालधन में शराब की दुकान के खिलाफ आक्रोश जारी, 3 मई से धरना-चक्का जाम की चेतावनी
मालधन में शराब की दुकान के खिलाफ आक्रोश जारी, 3 मई से धरना-चक्का जाम की चेतावनी
रामनगर (एटम बम ब्यूरो):
मालधन गोपालनगर में खोली गई शराब की दुकान को तत्काल बंद करने, क्षेत्र में नशे के अवैध कारोबार और कच्ची शराब की बिक्री पर रोक लगाने के लिए विशेष टीम के गठन तथा स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त किए जाने की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों ने रामनगर विधायक व एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। चेतावनी दी गई है कि यदि 2 मई तक मांगें पूरी नहीं की गईं, तो 3 मई से शराब की दुकान के समक्ष दिन-रात धरना और चक्का जाम शुरू किया जाएगा।
ज्ञापन में कहा गया है कि अनुसूचित जाति बहुल मालधन क्षेत्र में नशाखोरी विकराल रूप ले चुकी है। स्कूल के छात्र, युवा और वृद्ध सभी नशे के दलदल में फंसते जा रहे हैं। स्थिति इतनी गंभीर है कि गोपाल नगर नं. 6 में खोली गई अंग्रेजी शराब की दुकान से बच्चे तक शराब खरीदते देखे जा रहे हैं। इससे गांव का सामाजिक माहौल बुरी तरह बिगड़ रहा है।
नियमों की धज्जियां, जनता में आक्रोश
ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि शराब की यह दुकान दरअसल हाथी डगर क्षेत्र के लिए आवंटित थी, लेकिन मुनाफे के लालच में स्थानांतरण करके गोपाल नगर में खोल दी गई। इससे स्थानीय जनता, खासकर महिलाओं में भारी गुस्सा है। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि मुख्यमंत्री द्वारा 12 अप्रैल को प्रदेश में जनभावनाओं के मद्देनज़र सभी नई शराब की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया गया था, बावजूद इसके मालधन की यह दुकान अब तक बंद नहीं की गई है।
स्वास्थ्य सेवाओं की भी बदहाली पर सवाल
ज्ञापन में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर भी गंभीर चिंता जताई गई है। मालधन क्षेत्र की 40 हजार आबादी के लिए एकमात्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सर्जन, निश्चेतक, बाल रोग विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट और पैरामेडिकल स्टाफ तक उपलब्ध नहीं है। एक्स-रे मशीन वर्षों से डंप पड़ी है, अल्ट्रासाउंड सुविधा नहीं है और 24×7 इमरजेंसी सेवाएं भी नहीं चल रही हैं। वक्ताओं ने सवाल उठाया कि सरकार इलाज की व्यवस्था करने की बजाय शराब की दुकान खोलकर जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रही है।
महिलाओं और संगठनों ने दी चेतावनी
कार्यक्रम में महिला एकता मंच की ललिता रावत, सरस्वती जोशी, कौशल्या, देबी, रंजनी, पूजा, तुलसी जोशी, हेमा, ग्राम प्रधान पुष्पा देवी, समाजवादी लोक मंच के गिरिश आर्य, जमन आर्य, किसान संघर्ष समिति के ललित उप्रेती, महेश जोशी, शंकर लाल आर्य, रामबहादुर, उत्तराखंड जन मंच के महेंद्र कुमार आर्य व जय प्रकाश आदि शामिल रहे। सभी ने एक स्वर में चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।







