उत्तराखण्ड
जंगल में फलदार पौधों होगा रोपण और फाटो जोन अब 12 महीने खुलेगा: वन्यजीव संघर्ष को कम करने की तैयारी
जंगल में फलदार पौधों होगा रोपण और फाटो जोन अब 12 महीने खुलेगा: वन्यजीव संघर्ष को कम करने की तैयारी
रामनगर (नैनीताल), 6 जुलाई 2025।
मानव-वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं के बीच उत्तराखंड में अब जंगलों के भीतर फलदार पौधों का बड़े पैमाने पर रोपण किया जाएगा। मानसून सीजन में प्रदेश के सभी 40 वन प्रभागों में यह योजना लागू की जा रही है। लक्ष्य है—वन्यजीवों को जंगल में ही पर्याप्त भोजन उपलब्ध कराकर उन्हें मानव बस्तियों की ओर आने से रोकना।
रविवार को रामनगर दौरे पर आए मुख्यमंत्री ने जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला और फाटो रेंज का भ्रमण किया और ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत अपनी मां के नाम एक फलदार पौधा रोपा। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान राज्य भर में चलाया जाएगा, और लोगों से भी अपील की गई है कि वे फलदार पौधे लगाकर इसमें भागीदारी निभाएं।
मुख्यमंत्री ने भ्रमण के दौरान कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में संचालित रेस्क्यू सेंटर का भी निरीक्षण किया, जहां फिलहाल 11 बाघ और 13 तेंदुए रखे गए हैं। उन्होंने कहा कि इस सेंटर को और अधिक विकसित करने के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।
पहली बार मानसून में भी खुलेगा फाटो ज़ोन
पर्यटन की दृष्टि से एक बड़ा फैसला लेते हुए फाटो रेंज को पहली बार मानसून काल में भी खोलने का निर्णय लिया गया है। अब यह ज़ोन सालभर खुला रहेगा, जिससे पर्यटक पूरे 12 महीने जंगल सफारी का आनंद ले सकेंगे। वर्तमान में यहां 100 से अधिक जिप्सियां संचालित हैं, जिससे स्थानीय लोगों को सीधा रोजगार मिल रहा है।
जंगल सफारी और पर्यटन से जुड़े व्यवसायों से रामनगर के आस-पास के लोगों को बीते कुछ वर्षों में 25 करोड़ रुपये से अधिक की आय हो चुकी है। अब सरकार इस क्षेत्र में और साहसिक पर्यटन गतिविधियों जैसे राफ्टिंग और एंग्लिंग को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है।
रूट मैप तैयार हो रहे हैं नए पर्यटन स्थलों के लिए
प्रदेश सरकार ने संकेत दिया है कि आने वाले समय में राज्य में और अधिक साहसिक तथा धार्मिक पर्यटन मार्ग खोले जाएंगे। इस वर्ष से प्रारंभ की गई शीतकालीन यात्रा में भी पर्यटकों की अच्छी भागीदारी देखने को मिली है, जिसमें चारधाम यात्रा और कैलाश मानसरोवर यात्रा जैसे धार्मिक मार्ग शामिल हैं।
कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी
कार्यक्रम में रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह बिष्ट, जिलाधिकारी वंदना सिंह, एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा, निदेशक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व डॉ. साकेत बडोला सहित कई अन्य अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
इस पहल को यदि जमीन पर ईमानदारी से लागू किया जाए, तो यह मानव-वन्यजीव संघर्ष के समाधान की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हो सकता है। हालांकि, जमीनी निगरानी और पारदर्शिता भी उतनी ही ज़रूरी होगी, क्योंकि ऐसे अभियान अक्सर कागज़ों में फलते-फूलते हैं, और जंगलों में नहीं।







