उत्तराखण्ड
रामनगर नगर निकाय चुनाव: BJP से बगावत कर पूर्व पालिका अध्यक्ष भगीरथ लाल चौधरी बने निर्दलीय उम्मीदवार
रामनगर (नैनीताल): नगर निकाय चुनावों में इस बार राजनीति के समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) से बगावत कर पूर्व पालिका अध्यक्ष भगीरथ लाल चौधरी ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। उनके इस कदम ने क्षेत्र की राजनीति में हलचल मचा दी है।
नामांकन के बाद मीडिया से बात करते हुए श्री चौधरी ने कहा, “आज इस शहर में नफरती नारों के साथ माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। रामनगर की पहचान आपसी भाईचारे और शांति के लिए है। मैं इस चुनाव में इसलिए उतरा हूं ताकि इस शहर की गंगा-जमुनी तहजीब को बचाया जा सके।”
उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग गलत नारेबाजी और उकसावे की राजनीति से इस शांत शहर को अशांति की ओर धकेलने की कोशिश कर रहे हैं। चौधरी का मानना है कि उनकी स्वतंत्र उम्मीदवारी का उद्देश्य रामनगर में अमन और शांति को बनाए रखना है।
चुनाव में बड़ा मोड़
भगीरथ लाल चौधरी का नामांकन बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। पूर्व पालिका अध्यक्ष के रूप में उन्होंने शहर में अपनी मजबूत पकड़ और लोकप्रियता बनाई है। उनकी इस बगावत से चुनावी मैदान में मुकाबला और अधिक दिलचस्प हो गया है।
शहर के लोग क्या सोचते हैं?
चौधरी के निर्दलीय मैदान में उतरने पर जनता की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कुछ लोगों का कहना है कि चौधरी का कदम रामनगर की शांति और भाईचारे को बचाने की दिशा में सही है, जबकि कुछ इसे केवल राजनीतिक स्वार्थ करार दे रहे हैं।
बीजेपी की रणनीति पर सवाल
भगीरथ लाल चौधरी के बगावती कदम से बीजेपी को अपने चुनावी गणित पर फिर से विचार करना पड़ सकता है। पार्टी के भीतर असंतोष और नेताओं का बगावत करना, क्षेत्रीय नेतृत्व की क्षमताओं पर सवाल खड़े करता है।
अब देखना होगा कि रामनगर के मतदाता इस चुनाव में क्या निर्णय लेते हैं और क्या चौधरी अपने उद्देश्य में सफल हो पाते हैं।