उत्तराखण्ड
फिटनेस टेस्टिंग के लिए हल्द्वानी भेजे जा रहे रामनगर के वाहन: सरकार खुद तुड़वा रही कानून, हाईकोर्ट में चुनौती
हल्द्वानी भेजे जा रहे रामनगर के वाहन: सरकार खुद तुड़वा रही कानून, हाईकोर्ट में चुनौती
रामनगर।
रामनगर के पंजीकृत व्यावसायिक वाहनों के मालिक इन दिनों दोहरी मार झेल रहे हैं। फिटनेस टेस्ट के लिए उन्हें हल्द्वानी तक दौड़ना पड़ रहा है—जहां उनका धन और समय दोनों बर्बाद हो रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि जिन वाहनों का परमिट हल्द्वानी तक का नहीं है, उन्हें भी जबरन वहां भेजा जा रहा है। यानी सरकार ही परिवहन कानून की धज्जियां उड़ाने का काम कर रही है।
हल्द्वानी में फिटनेस टेस्टिंग का काम प्रणाम ऑटो फिटनेस प्राइवेट लिमिटेड के पास है, जिसे चलाने वाला कोई परिवहन विशेषज्ञ नहीं बल्कि एक बिल्डर है। सवाल उठ रहा है कि आखिर सरकार ने यह अधिकार निजी कंपनी को देकर किसके आर्थिक हित साधे हैं? इसका सीधा नुकसान वाहन स्वामियों को उठाना पड़ रहा है।
अब यह मामला हाईकोर्ट की चौखट तक पहुंच गया है। भवानी गंज निवासी सविता अग्रवाल की ओर से इस व्यवस्था के खिलाफ याचिका दायर की जा रही है। वाहन स्वामी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि अदालत सरकार और निजी कंपनी की इस मिलीभगत पर रोक लगाकर उनके हित में फैसला देगी।
गाड़ी मालिकों का कहना है कि यह सिर्फ एक फिटनेस टेस्टिंग का मुद्दा नहीं, बल्कि सरकार और निजी कंपनी के बीच सेटिंग का खेल है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो वाहन स्वामी रोज़ाना लूटे जाएंगे और कानून सिर्फ आम जनता को डराने का औजार भर रह जाएगा।







