उत्तराखण्ड
रामनगर में गरजे रणजीत रावत – बोले, अडानी के लिए जनता को लूटा जा रहा है, हजार मुकदमे झेलूंगा, लेकिन डरूंगा नहीं!
रामनगर में गरजे रणजीत रावत – बोले, अडानी के लिए जनता को लूटा जा रहा है, हजार मुकदमे झेलूंगा, लेकिन डरूंगा नहीं!
रामनगर (नैनीताल): उत्तराखंड के रामनगर में बिजली के स्मार्ट मीटरों को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। सरकार द्वारा अडानी समूह की कंपनी के स्मार्ट मीटर जबरन लगाए जाने पर अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत खुलकर मैदान में उतर आए हैं। रावत ने जहां इन मीटरों को “जनता की जेब पर हमला” बताया, वहीं खुद पर दर्ज मुकदमे को “सरकारी दबाव की घटिया हरकत” कहकर सिरे से खारिज कर दिया।
कोतवाली में मुकदमा, लेकिन रणजीत रावत अडिग!
पूर्व विधायक रणजीत रावत पर रामनगर विद्युत विभाग के अवर अभियंता ने आरोप लगाया है कि रावत ने न सिर्फ मीटर तोड़े, बल्कि हाथापाई और मारपीट भी की। इस मामले में कोतवाली में रावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। लेकिन रावत ने पलटवार करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा – “सरकार मुझ पर एक नहीं, हजार मुकदमे कर दे, लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं। जब अंग्रेजों से नहीं डरे, तो इन पूंजीपतियों के गुलामों से क्या डरेंगे?”
‘स्मार्ट मीटर नहीं, स्मार्ट लूट है ये!’
कांग्रेस कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में रणजीत रावत ने कहा कि केंद्र सरकार अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए देशभर में उसकी कंपनी के महंगे स्मार्ट मीटर जबरन लगवा रही है। उन्होंने बताया कि एक स्मार्ट मीटर की कीमत लगभग ₹25,000 है, और इसका बोझ अंततः जनता के सिर ही फोड़ा जाएगा। रावत ने पूछा – “अगर यह मुफ्त है, तो बिजली विभाग क्यों नहीं लिखित में दे देता कि इसका कोई चार्ज नहीं वसूला जाएगा?”
40 लाख का बिल! जनता का भरोसा टूटा
रणजीत रावत ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि हल्द्वानी में एक उपभोक्ता का स्मार्ट मीटर से 40 लाख रुपए का बिल आया था, जिसे बाद में अधिकारियों को दखल देकर घटाना पड़ा। और अब रामनगर के गायत्री विहार क्षेत्र में एक उपभोक्ता को 38 लाख रुपए से ज्यादा का बिल थमा दिया गया है। “आखिर ये कौन सी तकनीक है जो घरों में एसी और गीजर न होने के बावजूद लाखों के बिल भेज रही है?” रावत ने तीखा सवाल दागा।
‘मोदी सरकार बेच रही है देश, मणिपुर की आग भी सौदेबाजी का हिस्सा’
रावत ने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि देश की संपत्तियों को अडानी के हवाले किया जा रहा है। मणिपुर में जो विवाद हुआ, उसके पीछे भी अडानी को वहां की जमीन और जंगल सौंपने की साजिश है। “यह सरकार देश नहीं चला रही, अडानी का बिजनेस चला रही है।”
‘राहुल गांधी नहीं डरे, तो हम कैसे डरेंगे?’
रणजीत रावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में दो टूक कहा – “मैं कांग्रेस का सिपाही हूं, उस पार्टी का जो अंग्रेजों को देश से बाहर निकाल चुकी है। आज भी जनता के हक की लड़ाई लड़ेंगे। अगर मेरे नेता राहुल गांधी को ये सत्ता डराने में नाकाम रही, तो हम लाखों कांग्रेसजन कैसे डरेंगे? हम तो आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। यह स्मार्ट मीटर नहीं, स्मार्ट लूट है – और इसे रोका जाएगा।”







