उत्तराखण्ड
स्मार्ट मीटर से जनता पर आर्थिक बोझ: रामनगर में शुरू हुई प्रीपेड बिजली मीटर की व्यवस्था
रामनगर में अब बिजली उपभोक्ताओं पर एक और आर्थिक बोझ डालने की शुरुआत हो चुकी है। घासमंडी विद्युत उपखंड में पहला स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाकर इस योजना की शुरुआत की गई है, जिसमें उपभोक्ताओं को पहले से ही रिचार्ज करना होगा, अन्यथा रिचार्ज खत्म होते ही बिजली गुल हो जाएगी। आने वाले दिनों में यह व्यवस्था पूरे नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में लागू कर दी जाएगी, जिससे आम जनता की परेशानी और बढ़ने की संभावना है।
इन प्रीपेड मीटरों में सबसे बड़ी समस्या यह है कि यह उपभोक्ताओं को अतिरिक्त वित्तीय दबाव में डालने वाला है। जैसे-जैसे रिचार्ज खत्म होगा, बिजली कट जाएगी, जिससे छोटे व्यवसायों, घरों में बिजली निर्भर उपकरणों और दैनिक जीवन की गतिविधियों में बाधा आएगी। विभाग की ओर से यह कहा जा रहा है कि रिचार्ज खत्म होने से तीन दिन पहले अलर्ट मैसेज भेजा जाएगा, लेकिन यह जनता की मूल समस्या का समाधान नहीं है।
स्मार्ट मीटर की यह व्यवस्था उन लोगों के लिए और भी चिंताजनक है, जो पहले से ही महंगी बिजली दरों से जूझ रहे हैं। एडवांस रिचार्ज की अनिवार्यता गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों पर अतिरिक्त भार डालेगी, जिनके पास पहले से ही सीमित संसाधन हैं।
सरकार और विद्युत विभाग यह दावा कर रहे हैं कि यह व्यवस्था पारदर्शिता और बिजली की बर्बादी रोकने के लिए है, लेकिन वास्तविकता यह है कि यह कदम जनता से पैसा वसूलने और गरीबों को और अधिक संकट में धकेलने के लिए उठाया गया है। बिजली जैसी बुनियादी सुविधा पर ऐसी तानाशाही और आर्थिक शोषण को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
रामनगर में शुरू की गई इस व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठनी चाहिए ताकि सरकार गरीबों और मध्यम वर्ग की स्थिति पर ध्यान दे और इस आर्थिक शोषण को बंद करे।