उत्तराखण्ड
देहरादून में 169 पुलिसकर्मी सम्मानित, सैनिक सम्मेलन में SSP ने सुनीं समस्याएं, दिए त्वरित समाधान के निर्देश
देहरादून में 169 पुलिसकर्मी सम्मानित, सैनिक सम्मेलन में SSP ने सुनीं समस्याएं, दिए त्वरित समाधान के निर्देश
देहरादून, 7 जुलाई 2025 | एटम बम ब्यूरो
देहरादून पुलिस लाइन में सोमवार को आयोजित सैनिक सम्मेलन में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) डॉ. अजय सिंह द्वारा 169 पुलिसकर्मियों को उनके उत्कृष्ठ कार्यों के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मेलन सिर्फ सम्मान तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें पुलिसकर्मियों की जमीनी समस्याएं भी खुलकर सुनी गईं और उनके समाधान को लेकर आवश्यक निर्देश भी जारी किए गए।
एसएसपी ने सम्मेलन की शुरुआत में सभी अधिकारियों और कर्मियों से संवाद करते हुए यह स्पष्ट किया कि जो पुलिसकर्मी निष्ठा से सेवा कर रहे हैं, उनकी मेहनत को पहचान और सम्मान मिलेगा। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग केवल अनुशासन नहीं, सहयोग और सामूहिक समाधान की भावना से भी चलता है।
👮♀️ सम्मान से भरे नाम, काम से भरा मैदान
सम्मेलन के दौरान अलग-अलग थानों, कोतवालियों, SOG, LIU, यातायात और अग्निशमन समेत कई यूनिटों के पुलिस अधिकारियों और जवानों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। इसमें थाना डालनवाला, कैन्ट, नेहरू कॉलोनी, रायपुर, क्लेमेंटाउन, विकासनगर, सहसपुर, सेलाकुई, रायवाला, रानीपोखरी, ऋषिकेश, मसूरी, प्रेमनगर, बसंत विहार, सीपीयू, यातायात, एसओजी, एलआईयू और फायर सर्विस के पुलिसकर्मी शामिल रहे।
हर रैंक और हर जिम्मेदारी को निभा रहे सिपाही से लेकर उपनिरीक्षक तक को इस मंच पर पहचान दी गई। महिला कांस्टेबलों को भी बराबर मान मिला—यह विभागीय समरसता का सशक्त संदेश था।
🚔 समस्याओं के निस्तारण के निर्देश
एसएसपी ने सम्मेलन में मौजूद अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जो भी पुलिसकर्मी किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत, पारिवारिक या विभागीय समस्या से जूझ रहे हैं, उनका त्वरित निस्तारण प्राथमिकता से किया जाए। इस दौरान कई पुलिसकर्मियों ने अपनी समस्याएं खुलकर रखीं, जिनमें आवास, स्थानांतरण, स्वास्थ्य, अवकाश जैसी विषय शामिल थे।
📌 विभागीय गरिमा को बढ़ाता एक आयोजन
सैनिक सम्मेलन न केवल संवाद का माध्यम बना, बल्कि यह साबित भी किया कि प्रशासनिक नेतृत्व जब जमीन से जुड़ता है, तो उसका प्रभाव जमीनी पुलिसिंग में दिखता है। ऐसे आयोजनों से फोर्स में कार्य ऊर्जा, विश्वास और अनुशासन तीनों बढ़ते हैं।
🔴 एटम बम संपादकीय टिप्पणी
देहरादून पुलिस की यह पहल सराहनीय है, लेकिन सवाल यह भी उठता है कि क्या यही सम्मान उन पुलिसकर्मियों को भी मिलेगा जो बिना कैमरे की चमक के, बिना प्रचार के, सुदूर गांवों और थानों में दिन-रात कानून व्यवस्था को संभाले हुए हैं? सम्मान के साथ सिस्टम को आत्मनिरीक्षण भी करना होगा कि ‘उत्कृष्टता’ का पैमाना हर कर्मठ पुलिसकर्मी को छू पाए।
🖋 रिपोर्ट: एटम बम ब्यूरो, देहरादून
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