उत्तराखण्ड
मांगों को लेकर सड़कों में उतरे राज्य आंदोलनकारी, सचिवालय का घेराव
देहरादून। विभिन्न मांगों को लेकर आज उत्तराखंड आंदोलनकारी संयुक्त परिषद व विभिन्न सामाजिक संगठनों व राजनीतिक दलों ने राजधानी देहरादून मे जुलूस निकाल कर सचिवालय का घेराव किया और जनसंपर्क अधिकारी के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया।
उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी दून मे एकत्र हुये जहां उन्होंने अपनी विभिन मांगो को लेकर आक्रामक नारेबाजी करते हुये सचिवालय कूच किया। इस दौरान प्रदर्शन कारियो की सभा को सम्बोधित करते हुये वक्ताओं ने कहा की राज्य को बने हुए लगभग 23 वर्ष होने को हैं, उत्तराखंड के लोग व आंदोलनकारी आज भी स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। राज्य गठन के बाद कुछ मुट्ठी भर भू माफिया, शराब माफिया, नकल माफिया, खनन माफिया आदि ने एक गिरोह संगठन बनाकर उत्तराखंड राज्य का बेहिसाब दोहन किया है तथा खनिज संसाधनों पर अपना कब्जा कर लिया है। इससे उत्तराखंड राज्य के युवा महिला सहित आम जनता अपने को ठगा हुआ उपेक्षित महसूस कर रही है। यह राज्य आम उत्तराखंड के नागरिकों के मूलभूत विकास हेतु बना या भू माफियाओं के निजी विकास के लिए बनाया गया।
राष्ट्रीय दलों ने उत्तराखंड राज्य को मुख्यमंत्री की प्रयोगशाला बना रखा है। ज्ञापन के माध्यम से आंदोलनकारियो ने मांग की कि उत्तराखंड आंदोलनकारियों का चिन्हीकरण शीघ्र पूरा हो तथा जिसमें छूटे हुए आंदोलनकारी का चिहिकरण शीघ्र किया जाए। पेंशन पटा सभी आंदोलनकारीयो को समान पेंशन 15000 तथा पेंशन पट्टा प्रदान किया जाए सभी आंदोलनकारी को एक समान पेंशन दी जाए। हिमाचल की तर्ज पर धारा 371 उत्तराखंड राज्य में लागू की जाए। आंदोलनकारी सरकार से मांग करते हैं की उत्तराखंड के लिए एक सशक्त भू कानून जल्द से जल्द बनाया जाए तथा इस भू कानून को शक्ति से लागू किया जाए तथा यहां के मूल निवासियों को स्वरोजगार हेतु सरकार द्वारा प्रशिक्षित किया जाए। ज्ञापन देने वालों में उत्तराखंड आंदोलनकारी संयुक्त परिषद के संरक्षक नवनीत गुसाई, प्रदेश अध्यक्ष विपुल नौटियाल, जिला अध्यक्ष सुरेश कुमार, पूर्व अध्यक्ष गणेश डंगवाल, अनुराग भट्ट, जगमोहन रावत, प्रभात, रामपाल, अमित पवार, अनुराग भट्ट, धर्मानंद भट्ट, सुशील विरमानी, महिला मंच से कमला पंत, निर्मला बिष्ट, मुन्नी खंडूरी, पुष्प लता सिल्माना, जितेंद्र चौहान, बलेश बवानिया, प्रेम सिंह नेगी, सुनील जुयाल, लोक बहादुर थापा, सत्य पोखरियाल, पार्वती राठौड़ी, मधु डबराल, प्रवीण गोसाई, कमला देवी, रेनू नेगी, शांति बुटोला पुष्प लता आदि शामिल थे।