उत्तराखण्ड
उत्तराखंड: राज्य निर्माण आंदोलनकारियों की मांगों को लेकर 28 अगस्त को प्रदेशव्यापी धरना प्रदर्शन
रामनगर:राज्य निर्माण आंदोलनकारी मंच उत्तराखंड ने 10% क्षैतिज आरक्षण बिल को राजभवन से तुरंत मंजूरी देने, राज्य की अवधारणा और आंदोलनकारियों की समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन की घोषणा की है। यह धरना और प्रदर्शन 28 अगस्त को प्रदेश की सभी तहसीलों और जिला मुख्यालयों में आयोजित किया जाएगा, जिसके तहत तहसीलदार, एसडीएम और जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा जाएगा।
हल्द्वानी में आयोजित राज्य आंदोलनकारियों के सम्मेलन में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए संचालन समिति के सदस्य प्रभात ध्यानी ने बताया कि सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया कि पक्ष और विपक्ष को गैरसैंण में आयोजित विधानसभा सत्र के दौरान राजभवन में लंबित 10% क्षैतिज आरक्षण बिल की मंजूरी का मुद्दा प्रमुखता से उठाना चाहिए। साथ ही, सम्मेलन में पारित प्रस्तावों को सदन में उठाकर उनके समाधान की दिशा में सरकार पर दबाव बनाने की मांग की गई।
सम्मेलन में यह भी निर्णय लिया गया कि यदि मांगों पर गौर नहीं किया गया तो अक्टूबर माह में राजभवन का घेराव किया जाएगा। सम्मेलन में राज्य आंदोलनकारियों ने उत्तराखंड की अवधारणा और राज्य निर्माण से जुड़े सवालों को उठाया, जिसमें बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, पलायन, प्राकृतिक संसाधनों पर जनता के अधिकार, जंगली जानवरों से सुरक्षा, भ्रष्टाचार मुक्त राज्य, परिसीमन, और अन्य मुद्दे शामिल हैं।
राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार से मांग की है कि 10% क्षैतिज आरक्षण बिल को राजभवन से जल्द मंजूरी दिलाई जाए और राज्य आंदोलनकारियों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की तरह सम्मान और सुविधाएं प्रदान की जाएं। साथ ही, उत्तराखंड राज्य सम्मान परिषद के पद पर तत्काल नियुक्ति करने, और राजनीतिक दलों से राज्य आंदोलनकारियों के लिए संगठन, नगर निकाय, पंचायत, विधानसभा और लोकसभा में 10% सीटें आरक्षित करने की मांग की गई है।
सम्मेलन में राज्य आंदोलनकारियों के चिह्ननीकरण से जुड़ी समस्याओं को भी उठाया गया और उनके निस्तारण की मांग की गई।