उत्तराखण्ड
नकल माफिया का भंडाफोड़: लाखों में सौदा कर रहे थे सफलता का झांसा
नकल माफिया का भंडाफोड़: लाखों में सौदा कर रहे थे सफलता का झांसा
देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की 21 सितंबर को होने वाली स्नातक स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा से ठीक पहले नकल माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है। एक गिरोह परीक्षा पास कराने का झांसा देकर अभ्यर्थियों से 12 से 15 लाख रुपये तक की मांग कर रहा था। पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने इस रैकेट का भंडाफोड़ कर गिरोह के दो सदस्यों को दबोचा है।
गिरफ्तार आरोपियों में हाकम सिंह (42 वर्ष), निवासी ग्राम निवाड़ी, थाना मोरी, उत्तरकाशी और पंकज गौड़ (32 वर्ष), निवासी ग्राम कंडारी, थाना बड़कोट, उत्तरकाशी शामिल हैं। इनके खिलाफ कोतवाली पटेलनगर में उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम एवं उपाय) अध्यादेश 2023 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
ऐसे देते थे सफलता का झांसा
गिरोह अभ्यर्थियों से संपर्क कर उन्हें परीक्षा पास कराने का लालच देता था। शर्त यह थी कि चयन के बाद ही मोटी रकम दी जाएगी। योजना यह भी थी कि अगर उम्मीदवार अपने दम पर पास हो जाए, तो ली गई रकम को गिरोह सीधे हड़प ले। वहीं, असफल अभ्यर्थियों को “अगली परीक्षा में एडजस्टमेंट” का झांसा देकर दोबारा फंसाने की साजिश रची जा रही थी।
परीक्षा की सुचिता पर कोई खतरा नहीं
जांच में अब तक यह साफ हुआ है कि गिरोह केवल धोखाधड़ी की नीयत से काम कर रहा था और परीक्षा की गोपनीयता या प्रश्नपत्र लीक जैसी कोई स्थिति सामने नहीं आई है।
युवाओं के लिए चेतावनी और बचाव के उपाय
- कभी भी सफलता का शॉर्टकट न चुनें – कोई भी गिरोह आपको पास कराने का वादा करता है तो समझ लें यह ठगी है।
- संदेहास्पद कॉल/मैसेज की जानकारी तुरंत पुलिस को दें – ऐसी सूचना दबाने से कई और लोग फंस सकते हैं।
- सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों से सावधान रहें – परीक्षा से जुड़ी विश्वसनीय खबरें सिर्फ आधिकारिक स्रोतों से ही लें।
- मेहनत और योग्यता ही सफलता की असली कुंजी है – नकल माफिया आपके भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हैं, उनसे दूरी बनाए रखना ही सुरक्षा है।
यह मामला साफ करता है कि प्रतियोगी परीक्षाओं के नाम पर सक्रिय गिरोह बेरोजगार युवाओं को शिकार बना रहे हैं। ऐसे में अभ्यर्थियों को न केवल मेहनत करनी होगी, बल्कि जागरूक रहना भी उतना ही जरूरी है।







