उत्तराखण्ड
फॉरेस्ट वालो पर हमले के बाद बंद हुआ गेट तो ट्रांसपोर्टर DFO से मिले, अवैध खनन रोकने में सहयोग का दिया भरोसा।
रामनगर (नैनीताल) कोसी नदी में अवैध खनन पर रोक लगाने के मकसद से वन विभाग को उप खनिज निकासी का एक गेट बंद करना पड़ा। इससे ट्रांसपोर्टरों को खासी परेशानी हुई।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक तराई पश्चिमी वन प्रभाग ने कोसी नदी के बंजारी प्रथम गेट को बंद करने का फैसला कर लिया। इस गेट से वन निगम खनिज निकासी कराता है लेकिन यहाँ पर अवैध खनन की शिकायत मिलने पर वन विभाग की टीम ने कई बार छापे मारे, छापे के दौरान वन विभाग की टीम अवैध खनन करने वालों द्वारा हमले किये गए। वन निगम की टीम पर भी हमला हुआ। अवैध खनन की लगातार शिकायत और विभागीय टीम पर लगातार होते हमले के बाद वन विभाग और वन निगम ने इस गेट को बंद करने का निर्णय ले लिया। विभाग के इस फैसले से ट्रांसपोर्टरों और उनसे जुड़े मजदूरों के सामने संकट खड़ा हो गया था।
ट्रांसपोर्टरों का एक शिष्टमंडल इस मुद्दे पर तराई पश्चिमी वन प्रभाग पहुंचा और उन्होंने डीएफओ और वन निगम के अधिकारी से वार्ता कर बंजारी गेट प्रथम को बंद ना करने की मांग की। ट्रांसपोर्टरों ने कहा कि बंजारी गेट प्रथम में अवैध खनन करने वालों और विभाग की गश्ती टीम पर हमला करने वालो पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ट्रांसपोर्टरों में कहा अवैध खनन रोकने के लिए वह भी वन विभाग को पूरा सहयोग करने को तैयार हैं लेकिन बंजारी गेट को बंद करने से इसका कोई समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि बंजारी गेट के बंद होने से जो ट्रांसपोर्टर ईमानदारी से रॉयल्टी कटा कर उप खनिज निकासी करते है,वह इससे बुरी तरह प्रभावित होंगे। ट्रांसपोर्टरों ने वन विभाग और वन निगम को आश्वस्त किया कि अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई में वह भी अपना पूरा साथ देंगे।
डीएफओ और डीएल एम ने ट्रांसपोर्टरों से वार्ता के बाद बंजारी गेट को बंद करने का अपना फैसला वापस ले लिया है।ट्रांसपोर्टरों से कहा गया है कि वह दिन में प्रति वाहन दो रॉयल्टी ज़रूर कटायेंगे। बिना नंबर प्लेट लगे वाहन को गेट से एंट्री नहीं मिलेगी।