उत्तराखण्ड
मालधन में अवैध शराब और स्वास्थ्य अव्यवस्थाओं के खिलाफ महिला एकता मंच का मोर्चा, प्रशासन को सौंपी मांगों की सूची।
रामनगर।
मालधन क्षेत्र में अवैध शराब के बढ़ते कारोबार और बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर महिला एकता मंच ने दो मोर्चों पर संघर्ष तेज कर दिया है। मंच की महिलाओं ने मालधन चौकी प्रभारी और स्वास्थ्य महानिदेशक उत्तराखंड को ज्ञापन सौंपते हुए कड़े कदम उठाने की मांग की है।
“नशा नहीं, इलाज दो”—नारे के साथ मंच की हुंकार
महिला एकता मंच ने ‘नशा नहीं, इलाज दो’ अभियान को आगे बढ़ाते हुए चौकी प्रभारी को साफ कहा कि मालधन क्षेत्र में कच्ची और अवैध शराब का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है, जिससे समाज का माहौल दूषित हो गया है। मंच की महिलाओं ने आरोप लगाया कि इस शराब माफिया के कारण महिलाएं और बच्चे खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने पुलिस से शराब कारोबारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
मालधन अस्पताल की दुर्दशा पर भी सवाल
महिलाओं ने केवल नशे के खिलाफ मोर्चा नहीं खोला, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को भी मुद्दा बनाया। उन्होंने मालधन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सर्जन, निश्चेतक, बाल रोग विशेषज्ञ, पैरामेडिकल स्टाफ और रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति की मांग की। इसके साथ ही एक्सरे, अल्ट्रासाउंड और 24 घंटे इमरजेंसी सेवाएं सुचारू रूप से शुरू करने की आवश्यकता जताई गई।
महिला एकता मंच ने अस्पताल में कार्यरत फिजीशियन डॉ. प्रशांत कौशिक और प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. अर्चना कौशिक का स्थानांतरण रोके जाने की भी पुरजोर मांग की है। उन्होंने स्वास्थ्य महानिदेशक को सीएमएस के माध्यम से मांग पत्र भेजकर चेतावनी दी है कि अगर 15 दिनों में मांगे नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
नेत्र रोग विशेषज्ञ और नर्सिंग सेवाओं में हुआ आंशिक सुधार
डॉ. प्रशांत कौशिक ने जानकारी दी कि अब मालधन अस्पताल में सोमवार, मंगलवार और बुधवार को नेत्र रोग विशेषज्ञ बैठ रहे हैं। साथ ही, रात में इमरजेंसी सेवाओं के लिए दो नर्सों की तैनाती की गई है। हालांकि, मंच ने सरकार से नव नियुक्त 34 एक्सरे टेक्नीशियन में से एक की तैनाती मालधन में करने की विशेष मांग रखी है।
भविष्य में आंदोलन की चेतावनी
मंच ने स्पष्ट किया है कि यदि 15 दिनों के भीतर इन मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू करेंगी। मंच की इस पहल में भगवती आर्य, पुष्पा आर्य, देबी, विनिता टम्टा, सरस्वती जोशी, कौशल्या चुनियाल, ममता आर्य, नीमा, हेमा, शिल्पी, गिरीश आर्य और महेंद्र आर्य जैसे कई लोग शामिल रहे।
मालधन की महिलाएं अब चुप बैठने वाली नहीं हैं। वे नशे के खिलाफ और स्वास्थ्य अधिकारों के लिए सड़क से शासन तक अपनी आवाज पहुंचा रही हैं। अब देखना है कि प्रशासन इस चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेता है।







