उत्तराखण्ड
विद्युत कनेक्शन काटे जाने के मामले को लेकर वन गूजरों का प्रतिनिधि मंडल अधिकारियों से मिला।
रामनगर।
विद्युत निगम रामनगर द्वारा आमपोखरा रेंज में निवास कर रहे वन गूजरों के 15 दिनों के भीतर विद्युत कनेक्शन काटे जाने के मामले को लेकर वन गूजरों के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य अभियंता विद्युत निगम हल्द्वानी तथा वन संरक्षक से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा।
प्रतिनिधि मंडल ने प्रभागीय वन अधिकारी तराई पश्चिमी रामनगर तथा विद्युत निगम रामनगर के अधिकारियों पर भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 व 15 के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा कि तराई पश्चिमी डिवीजन की आम पोखरा रेंज में हजारों परिवारों को केंद्र सरकार की दीनदयाल उपाध्याय योजना के अंतर्गत विद्युत कनेक्शन आवंटित किए गए हैं परंतु वन गूजरों को ही विद्युत काटने के लिए नोटिस दिए जा रहे हैं।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि वन गूजरों के वनाधिकार कानून 2006 के अंतर्गत समाज कल्याण विभाग के समक्ष दावे भी विचाराधीन हैं। वनाधिकार कानून में कहा गया है कि जब तक दावों का निस्तारण नहीं हो जाता तब तक किसी भी वनवासी को वन भूमि से हटाया नहीं जा सकता है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी वर्ष 2019 में वनवासियों को वन भूमि से हटाए जाने पर रोक लगाई हुई है। अतः वन गूजरों के बिजली के कनेक्शन नहीं काटे जाने चाहिए। क्योंकि कनेक्शन काटे जाने की कार्रवाई उन्हें बेदखल किए जाने की कार्रवाई का ही एक हिस्सा है।
वन संरक्षण अधिकारी दीप चंद्र आर्य तथा मुख्य अभियंता हल्द्वानी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि किसी के साथ भी भेदभाव व अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल में मोहम्मद शफी, गुलाम रसूल, मोहम्मद फरीद, मोहम्मद आलम,नूर आलम के साथ वन पंचायत संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष तरुण जोशी, किसान संघर्ष समिति के संयोजक ललित उपरेती वह समाजवादी लोक मंच के संयोजक मुनीष कुमार आदि शामिल थे।