उत्तराखण्ड
वन विभाग के एसडीओ पर डंपर मालिक ने लगाए मारपीट और करंट लगाने के आरोप, एसडीओ ने कहा कि अवैध खनन पर एक्शन से बौखलाया हैँ
वन विभाग के एसडीओ पर डंपर मालिक ने लगाए मारपीट और करंट लगाने के आरोप, एसडीओ ने कहा कि अवैध खनन पर एक्शन से बौखलाया हैँ
रामनगर। कोसी नदी क्षेत्र में अवैध खनन को लेकर मंगलवार को विवाद उस समय तूल पकड़ गया जब एक डंपर मालिक ने वन विभाग के एसडीओ मनीष जोशी पर मारपीट, गालीगलौच, फायरिंग और करंट लगाने जैसे गंभीर आरोप लगा दिए। लेकिन अब इस पूरे मामले में एक नया मोड़ सामने आया है, जिसमें एसडीओ ने न सिर्फ आरोपों को सिरे से खारिज किया है, बल्कि इसे अवैध खनन में लिप्त माफिया की बौखलाहट करार दिया है।
एसडीओ का पलटवार – अवैध खनन करने वाले फैला रहे झूठ:
वन विभाग के एसडीओ मनीष जोशी ने साफ शब्दों में कहा है कि खनन माफिया अवैध खनन पर की गई कार्रवाई से घबरा गया है और अपनी काली करतूतों को छिपाने के लिए अब झूठे आरोपों का सहारा ले रहा है। उन्होंने बताया कि मंगलवार सुबह खडंजा गेट पर सूचना के बावजूद कुछ वाहन खनन के इरादे से पहुंचे। मौके पर पहुंचकर जब उन्हें रोका गया, तो वन विभाग की टीम के साथ धक्का-मुक्की की गई और वाहन भगाने की कोशिश की गई।
एसडीओ के मुताबिक, जगमोहन सिंह रावत का डंपर (UK04 CA 9517) समेत कई अन्य वाहन — दलीप सिंह रावत (UK04 CA 6989), मनवर सिंह (UK07 CB 3323), योगराज सिंह (UK07 CB 6203), राजेन्द्र सिंह (UK19 CA 8786), जतिन (UK04 CB 6048) और UK04 CB 7446 को अवैध खनन में पकड़ा गया और तत्काल वन विकास निगम के पोर्टल से डिबार किया गया।
सबूत के तौर पर मौजूद हैं वीडियो फुटेज:
एसडीओ ने दावा किया है कि अवैध खनन में लिप्त डंपरों को पकड़ने और उन्हें छुड़ाकर जबरन भगाने की पूरी घटना का वीडियो भी मौजूद है, जो यह साबित करता है कि पूरा घटनाक्रम एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह खनन की अवैध निकासी करने वाले लोग विभागीय कार्रवाई में बाधा डालने का प्रयास कर रहे हैं।
आरोपों का उद्देश्य अधिकारियों को डराना:
एसडीओ मनीष जोशी ने कहा कि यह पूरा षड्यंत्र वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को डराने और अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई से रोकने के लिए रचा गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विभाग किसी भी दबाव में आने वाला नहीं है और अवैध खनन के खिलाफ अभियान लगातार जारी रहेगा।




