उत्तराखण्ड
शौक नहीं ये ‘शिकारी’ हैं – देहरादून में बुजुर्ग महिला पर रॉटवीलर का हमला, मालिक हिरासत में… अब उठी मांग: उत्तराखंड में कुत्ता पालने पर बने सख्त कानून!
शौक नहीं ये ‘शिकारी’ हैं – देहरादून में बुजुर्ग महिला पर रॉटवीलर का हमला, मालिक हिरासत में… अब उठी मांग: उत्तराखंड में कुत्ता पालने पर बने सख्त कानून!
एटम बम न्यूज़ ब्यूरो | देहरादून, 07 जुलाई 2025
देहरादून के राजपुर क्षेत्र में रविवार को एक बुजुर्ग महिला पर रॉटवीलर नस्ल के खतरनाक कुत्तों ने जानलेवा हमला कर दिया। घायल महिला की हालत गंभीर है। इस घटना ने सिर्फ एक परिवार नहीं, पूरे शहर को दहशत में डाल दिया है। पुलिस ने कुत्तों के मालिक नफीस पुत्र शकूर अहमद को हिरासत में ले लिया है।
लेकिन असली सवाल ये है —
शौक के नाम पर आखिर कब तक लोग शहर में मौतें पालते रहेंगे?
❌ बिना लाइसेंस, बिना मास्क… खुलेआम मौतें घूम रही हैं शहर में!
घटना के बाद जांच में सामने आया कि रॉटवीलर जैसे खतरनाक कुत्ते बिना किसी वैध लाइसेंस के पाले जा रहे थे। यही नहीं, कुत्तों को बिना सुरक्षा, बिना मास्क और बिना ट्रेनिंग के सड़कों पर घुमाया जा रहा था। यही हाल कई अन्य मोहल्लों का भी है – जहां लोग अपने शौक और शान के लिए ऐसे शिकारी कुत्ते पाल रहे हैं, जिन्हें काबू में रखना भी इन्हें नहीं आता।
🐕 “पालतू” नहीं, “पशु हथियार” हैं ये!
इन कुत्तों की नस्लें—जैसे रॉटवीलर, पिटबुल, डोगो अर्जेंटीनो, टॉसा, बुल टेरियर — इंसानों पर हमला करने के लिए बदनाम हैं। खुद भारत सरकार के पशुपालन विभाग ने इन नस्लों के पालन, खरीद-फरोख्त और ब्रीडिंग पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। लेकिन देहरादून जैसे शहर में यह कानून सिर्फ कागजों तक सिमट कर रह गया है।
📣 अब बनना चाहिए कानून!
अब समय आ गया है कि उत्तराखंड सरकार इस गंभीर खतरे को नजरअंदाज करना बंद करे और कुत्ता पालने को लेकर कड़े और स्पष्ट नियम बनाए, जैसे:
- बिना लाइसेंस कोई भी कुत्ता न पाले।
- खतरनाक नस्ल के कुत्ते पालने से पहले आसपास के पड़ोसियों की अनापत्ति (NOC) ली जाए।
- हर कुत्ते को बाहर घुमाते समय मास्क, मजबूत बेल्ट व ट्रेनर की उपस्थिति अनिवार्य हो।
- बिना मास्क या बेल्ट के सड़क पर घूमते कुत्ते पर डंडात्मक कार्रवाई की जाए।
- नगर निगम हर छह महीने पर डॉग ऑडिट करे – कितने पालतू कुत्ते, कौन सी नस्ल, किसके पास, कहां, और कैसे।
📞 SSP देहरादून की अपील
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून ने आम जनता से अपील की है कि यदि आपके आसपास कोई भी खतरनाक नस्ल का कुत्ता बिना लाइसेंस या सुरक्षा उपायों के पाला जा रहा हो, तो तुरंत 112 नंबर पर कॉल करें या नगर निगम कार्यालय को सूचित करें।
🤔 सवाल जनता के मन में
- जब भारत सरकार ने इन नस्लों पर बैन लगाया है, तो ये शहर में कैसे घूम रहे हैं?
- क्या कोई हादसा होने के बाद ही प्रशासन हर बार जागेगा?
- अगर किसी मासूम बच्चे पर ऐसा हमला होता तो क्या फिर भी ‘पेट लवर्स’ चुप रहते?
🔴 दो टूक सवाल:
“कुत्ता पालना हक़ है, लेकिन दूसरे की जान खतरे में डालना अपराध है — अब बनना चाहिए सख्त कानून, नहीं तो ये शौक कल किसी की ज़िंदगी छीन लेगा!”
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