उत्तराखण्ड
भुजियाघाट हादसा: बरसाती रपटे में बहे दो युवकों को वक्त पर बचाया गया, अस्पताल में भर्ती
भुजियाघाट हादसा: बरसाती रपटे में बहे दो युवकों को वक्त पर बचाया गया, अस्पताल में भर्ती
नैनीताल।
तेज बारिश के बीच नैनीताल से हल्द्वानी की ओर स्कूटी से आ रहे दो युवक रविवार को भुजियाघाट के समीप बरसाती रपटे में बह गए। हादसा उस समय हुआ जब पहाड़ से उतरती बारिश की तेज धार ने सड़क पर बने रपटे को नदी में तब्दील कर दिया। स्कूटी समेत दोनों युवक पानी के तेज बहाव में बह गए। मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने बिना देर किए घटना की जानकारी कंट्रोल रूम को दी, जिसके बाद बचाव अभियान शुरू किया गया।
हादसे की सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीम, स्थानीय युवक और राहत बल मौके पर पहुंचे। पानी के बहाव में डूबे दोनों युवकों को ढूंढने के लिए रपटे के दोनों छोरों पर तलाशी अभियान शुरू किया गया। कुछ ही देर में एक युवक को ढूंढकर बाहर निकाला गया और तत्काल 108 एम्बुलेंस की मदद से सुशीला तिवारी अस्पताल भेजा गया।
दूसरे युवक की स्थिति बेहद गंभीर थी। समय की नज़ाकत को देखते हुए उसे बिना किसी औपचारिकता के तत्काल नजदीकी वाहन से अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसे समय रहते प्राथमिक इलाज मिल सका।
रेस्क्यू किए गए युवकों की पहचान इस प्रकार हुई है:
- अरुण, पुत्र राकेश लाल, निवासी रैमसे अस्पताल के पास, नैनीताल।
- अभिजीत तिवारी, निवासी बड़ा बाजार, नैनीताल।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, इस क्षेत्र में हर साल बरसात के समय ऐसी घटनाएं सामने आती हैं, लेकिन बावजूद इसके, यहां सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। इस हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर कब तक लोगों की जानें इस लापरवाही की भेंट चढ़ती रहेंगी?
प्रशासन से उठ रहे सवाल:
- आखिर इस रपटे पर चेतावनी बोर्ड क्यों नहीं लगे?
- बारिश के समय वाहनों की आवाजाही को क्यों नहीं रोका गया?
- क्षेत्र में स्थायी पुल या सुरक्षित वैकल्पिक मार्ग कब तक बनेगा?
ये सवाल सिर्फ उस हादसे में घायल हुए युवकों के नहीं, बल्कि हर उस राहगीर के हैं जो जान जोखिम में डालकर इस रास्ते से रोज गुजरता है।
भविष्य में ऐसे हादसे ना हों, इसके लिए स्थायी समाधान और समय रहते चेतावनियों की जरूरत है — वरना हर बरसात के साथ ऐसी दुर्घटनाएं ‘मौसम की मार’ कहकर टाल दी जाएंगी।
[यह खबर ATOM BOMB न्यूज़ नेटवर्क के लिए तैयार की गई है]
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