उत्तराखण्ड
उत्तराखंड में अडानी के स्मार्ट मीटर पर बवाल: कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश का तीखा वार
हल्द्वानी। उत्तराखंड की राजनीति में स्मार्ट मीटर विवाद ने तूल पकड़ लिया है। हल्द्वानी के कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने सरकार पर तीखे शब्दों में हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि सरकार अब सीधे तौर पर अडानी के हाथ मजबूत कर रही है। उन्होंने कहा, “स्मार्ट मीटर के नाम पर जनता का शोषण किया जा रहा है। कांग्रेस इस मनमानी को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी और अडानी के मीटर किसी भी कीमत पर नहीं लगने देगी।”
जनता की जेब पर डाका, अडानी का फायदा
सुमित हृदयेश ने सवाल उठाया कि जब प्रदेश की जनता पहले से ही महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक संकट से जूझ रही है, तब सरकार स्मार्ट मीटर लगाकर नया बोझ डालने पर क्यों तुली है? उन्होंने कहा, “अब जनता के पास दो ही विकल्प बचेंगे – या तो स्मार्ट मीटर रिचार्ज करें या बच्चों की स्कूल फीस भरें। क्या सरकार की प्राथमिकता अब जनता की भलाई नहीं, बल्कि अडानी के मुनाफे तक सीमित हो गई है?”
कांग्रेस का स्पष्ट रुख: नहीं लगने देंगे अडानी के मीटर
कांग्रेस विधायक ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने कहा, “प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय और रोजगार पहले ही दम तोड़ रहे हैं। ऐसे में सरकार का यह कदम जनता के खिलाफ है। कांग्रेस इस अन्याय को हर स्तर पर रोकेगी।”
केदारनाथ उपचुनाव पर भी साधा निशाना
स्मार्ट मीटर के मुद्दे के साथ ही सुमित हृदयेश ने केदारनाथ उपचुनाव को लेकर भी सरकार पर हमला किया। उन्होंने दावा किया कि जनता भाजपा के झूठे वादों और नीतियों से तंग आ चुकी है। “केदारनाथ की जनता कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत को भारी बहुमत से विजयी बनाएगी,” उन्होंने कहा।
सरकार की चुप्पी पर सवाल
स्मार्ट मीटर से जुड़ी इस पूरी योजना पर सरकार की चुप्पी सवाल खड़े कर रही है। क्या वाकई यह योजना आम जनता की सुविधा के लिए है, या फिर यह बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने का एक और तरीका है? सुमित हृदयेश का कहना है कि सरकार को अपनी नीतियों की समीक्षा करनी चाहिए और जनता के हितों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
कांग्रेस का ऐलान: जनता के लिए लड़ेगी लड़ाई
कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह स्मार्ट मीटर के नाम पर जनता को लूटने नहीं देगी। सुमित हृदयेश ने कहा, “यह मुद्दा केवल मीटर का नहीं, बल्कि सरकार की जनविरोधी नीतियों और बड़े उद्योगपतियों के प्रति झुकाव का है। कांग्रेस जनता के साथ खड़ी है और यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक सरकार इस जनविरोधी फैसले को वापस नहीं लेती।”
यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह मामला कितना बड़ा रूप लेता है, लेकिन इतना तय है कि स्मार्ट मीटर का यह मुद्दा उत्तराखंड की राजनीति में बड़ा भूचाल ला सकता है।