स्वास्थ्य
हिबिकस से पाएं स्वस्थ सौंदर्य
जपापुष्प, अड़हल, गुडहल और जपाकुसुम जैसे कई नाम से हबिकस को जाना जाता है. यह फूल देखने में इतना खूबसूरत होता है कि युगों से महिलाएं इसका प्रयोग श्रृंगार में जेवर की तरह करती है गुडहल के फूल अलग-अलग रंगों में पाये जाते हैं जैसे गुलाबी, पीला और बैगनी आदि. यह सुंदर सा गुडल का फूल स्वास्थ्य के खजाने से भरा पड़ा है.
इसका प्रयोग खाने-पीने या दवाओं के लिए किया जाता है. इससे कॉलेस्ट्रॉल, मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर और गले के संक्रमण जैसे रोगों का इलाज किया जाता है. यह विटामिन सी, केल्शियम, वसा, फाइबर, का बढ़िया स्रोत है.
• मुंह के छाले होने पर गुड़हल के पत्तों को चबाने से लाभ होता है. डायटिंग करने वाले या गुर्दे की समस्याओं से पीड़ित व्यक्ति अक्सर इसे बर्फ के साथ, परंतु बिना चीनी मिलाए पीते हैं.
• गुड़हल के प्रयोग से इसमें पाए जाने वाले नेचुरल एंटी इफ्लामेटरी तत्त्व के कारण शरीर की जलन और एग्ज़ीमा व सायरसिस जैसे त्वचा रोग समाप्त होते हैं.
इसके फूल का अर्क दिल के लिए उतना ही फायदेमंद है जितना रेड वाइन और चाय. वैज्ञानिकों के अध्ययन के मुताबिक गुड़हल का अर्क कोलेस्ट्राल को कम करने में सहायक हैं. गुड़हल को गरम पानी के साथ उबाल कर या फिर हर्बल टी की तरह से पिया जाए तो यह हाई ब्लड प्रेशर को कम करेगा और बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को घटाएगा.
गुड़हल प्राकृतिक रूप से ठंडा होता है।पुराने जमाने में बुखार उतारने के लिए गुड़हल के फूल को पीस कर माथे वो सिर पर लगाया जाता था।इससे बुखार तुरंत ही उतरता है।
सौंदर्य वृद्धि के लिए
• गुड़हल में कई प्रकार के नेचुरल एंटी इंफ्लामेटरी (प्रज्जवलनरोधी) तत्त्व के साथ विटामिन सी पाया जाता है. इसके प्रयोग से एक्ने की समस्या नहीं होती और त्वचा के दाग धब्बे समाप्त होते हैं. चेहरे पर बहुत मुंहासे हो गए हैं तो लाल गुड़हल की पत्तियों को पानी में उबाल कर पीस लें और उसमें शहद मिला कर त्वचा पर लगाएं.
• गुड़हल तेल के प्रयोग से बालों की लंबाई में वृद्धि होती है, जड़ें मज़बूत होती होती है और बाल प्राकृतिक रूप से काले होते हैं. गुड़हल का तेल असमय सफेद होते हुए बालों को बचाता है व चमक देता है. गुड़हल का फूल पौधे से तोड़ कर उसे नारियल या तिल के तेल में धीमी आंच पर ४-५ मिनट के लिये उबालें. ध्यान रखें कि वह जले नहीं. गुड़हल की पत्तियों का भी प्रयोग कर सकती हैं क्योंकि इससे भी बाल मजबूत बनते हैं.
• गुड़हल प्राकृतिक अस्ट्रीजंट और मॉयश्चराइज़र का काम करता है.इसका प्रयोग हर प्रकार की त्वचा के लिए उपयुक्त है.
• स्कैल्प में डैंड्रफ के कारण फुन्सी हो जाती है जिससे खराश होते रहती है और धीरे धीरे घाव का रुप ले लेता है. इसमें गुड़हल के फूल पीस कर उसका लेप स्कैल्प पर प्रयोग करने से आराम मिलता है.गुड़हल, केमिकल्स के दुष्प्रभावों से बचा कर बालों को तेजी से बढ़ने में मदद करते हैं.
• गुड़हल के फूलों से बना शैंपू सौम्य होता है उससे बालों को साफ करें.इसके लिए गुड़हल के ताजे फूलों को पीसकर लगाने से बालों का रंग सुंदर हो जाता है.
• प्रदूषित हवा के कारण त्वचा में न सिर्फ इरिटेशन महसूस होता है, इससे त्वचा में कई और प्रकार की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है. ऐसी स्थिति में गुड़हल के प्रयोग से इन समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है.
• पेट व कमर के आस पास वसा जमा होने पर गुड़हल के लेप से मसाज करने पर धीरे धीरे ये समस्या जाती रहती है.
• गुड़हल के फूल को पैरों की देखभाल के लिए भी उचित माना गया है. पैरों की सूजन, ऐड़ियों का फटना और पैरों में चर्बी जमा होने पर गुड़हल के तेल से पैरों की मालिश करने से पैर कोमल मुलायम और चर्बी रहित हो जाते हैं.