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उत्तराखण्ड

“जो जिताऊ है, वही टिकाऊ है: भाजपा की टिकट रणनीति पर बड़ा दांव”

“सियासत का खेल, LIU के सहारे, भाजपा निकाय चुनाव की तैयारी”

देहरादून: उत्तराखंड के निकाय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने पत्ते खोलने की तैयारी कर ली है। खबर है कि पार्टी आज देर शाम तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है। इस बार भाजपा ने टिकट वितरण के लिए एक नई रणनीति अपनाई है, जिसमें पार्टी पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट से ज्यादा LIU रिपोर्ट और प्राइवेट सर्वे एजेंसी की रिपोर्ट को प्राथमिकता दी जा रही है।

“जो जिताऊ है, वही टिकाऊ है”

पार्टी ने साफ कर दिया है कि इस बार वही उम्मीदवार टिकट पाएगा जो चुनावी समीकरणों में सबसे मजबूत साबित होगा। पार्टी के शीर्ष नेताओं का मानना है कि पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट अक्सर विवादों में रहती है और निष्पक्षता पर सवाल खड़े करती है। ऐसे में LIU और प्राइवेट सर्वे एजेंसियों के निष्कर्षों को ही आधार बनाकर उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा।

सोशल मीडिया का शोर बेअसर

जहां कुछ संभावित उम्मीदवार सोशल मीडिया पोस्ट और न्यूज़ पोर्टल्स के जरिए अपनी दावेदारी को मजबूत करने में लगे हैं, वहीं पार्टी नेतृत्व इस तरह की कोशिशों को पूरी तरह नजरअंदाज कर रहा है। “टिकट का खेल सोशल मीडिया से नहीं, ग्राउंड रिपोर्ट्स से तय होगा,” यह संदेश पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है।

कोर कमेटी की बैठक में मंथन

कल देर रात तक चली भाजपा की कोर कमेटी की बैठक में नगर निगम अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों पर चर्चा हुई। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने इस विषय पर गहन विचार-विमर्श किया और पार्टी का पार्लियामेंट्री बोर्ड आज नामों पर अंतिम मुहर लग सकता है।

नगर पालिका अध्यक्ष पद पर उम्मीदवार को टिकट 

नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए संभावित उम्मीदवारों का निर्णय मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष पर छोड़ दिया गया है। माना जा रहा है कि इन नामों पर अंतिम फैसला जल्द लिया जाएगा।

“राजनीति में सब्र का खेल”

भाजपा के रणनीतिकारों का यह कदम यह साफ करता है कि पार्टी चुनावी मैदान में पूरी तैयारी और सूझबूझ से उतर रही है। अब देखना यह होगा कि टिकट की इस बाज़ीगरी में कौन जीतता है और कौन हाशिए पर रह जाता है।

“LIU की नजर, जनता की कदर, कौन बनेगा भाजपा का चुनावी सिकंदर?” इस सवाल का जवाब आज शाम तक मिल सकता है।

 

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