उत्तराखण्ड
टिहरी झील परियोजना को नई उड़ान: एचपीसी बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कई प्रस्तावों को दी मंजूरी
टिहरी झील परियोजना को नई उड़ान: एचपीसी बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कई प्रस्तावों को दी मंजूरी
नई टिहरी: राज्य की प्रमुख पर्यटन परियोजना टिहरी झील क्षेत्र के समावेशी और जलवायु अनुकूल विकास को लेकर सोमवार को नई टिहरी में आयोजित उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक में कई अहम प्रस्तावों को स्वीकृति मिली। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) द्वारा सहायता प्राप्त परियोजना के तहत 54.05 करोड़ रुपये की लागत से सीवर नेटवर्क एवं 5 नए एमएलडी एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) के निर्माण को मंजूरी प्रदान की।
इसके साथ ही 37.11 करोड़ रुपये की लागत से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सेंटर की स्थापना और समुचित कचरा प्रबंधन के प्रस्ताव पर भी हरी झंडी दी गई। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में महादेव मंदिर के विकास हेतु 1.46 करोड़ रुपये की डीपीआर और पर्यटन क्षेत्र में आकर्षण बढ़ाने वाले प्रवेश द्वारों के निर्माण के लिए 2.33 करोड़ रुपये की डीपीआर को भी अनुमोदित किया गया।
मुख्य सचिव ने मदन नेगी रोपवे सब-प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के लिए ब्रिडकुल को नोडल एजेंसी नियुक्त करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। साथ ही परियोजना में कार्यरत कर्मचारियों के लिए टीए/डीए भत्तों और महिला कार्मिकों को चाइल्ड केयर लीव देने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति मिली।
बैठक में ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं के संबंध में उत्तराखण्ड जल संस्थान की ओर से रखे गए सेनेटेज चार्ज की मांग को वित्त विभाग को संदर्भित करने के निर्देश भी दिए गए।
इस अहम बैठक में सचिव श्री सचिन कुर्वे, अपर सचिव श्री विनीत कुमार, श्री अभिषेक रूहेला, श्री ललित मोहन रयाल सहित वित्त विभाग, पर्यटन विभाग और जिलाधिकारी टिहरी मौजूद रहे।




