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उत्तराखण्ड

पूर्वी दिल्ली से डरकर,पौड़ी आए अनिल बलूनी !

उत्तराखंड:प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्री के लिए आज का दिन किसी झटके से कम नही हैं। अबकी बार 400 पार का नारा लेकर लोकसभा चुनाव जीतने की कोशिश में जुटी भाजपा ने अपने दो पूर्व मुख्यमंत्री को इस बार उम्मीदवार नही बनाया हैं। पौड़ी लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद तीरथ सिंह रावत का टिकट काट कर अनिल बलूनी को दे दिया गया है जबकि हरिद्वार लोकसभा सीट पर मौजूदा सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक की जगह पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को उम्मीदवार बनाया गया है।

पौड़ी लोकसभा सीट से सांसद तीरथ सिंह रावत को पार्टी नेतृत्व ने जोरदार झटका दिया हैं। त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से हटाने के बाद केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया था लेकिन तय समय के भीतर अपने लिए विधान सभा सीट चुन पाने में असफल साबित होने के बाद केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें हटाकर उनकी जगह पुष्कर सिंह धामी की मुख्यमंत्री पद पर ताजपोशी कर दी थी। तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद गंवाने के बाद आज दूसरा झटका मिला हैं।उनका टिकट कटने से भाजपा का आम कार्यकर्ता भी मायूस है। सीधे और सरल स्वभाव के माने जाने वाले तीरथ सिंह रावत पार्टी कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद करते हैं इसलिए कार्यकर्ता भी चाहते थे कि पार्टी पुनः उनको लोक सभा चुनाव में पुनः उम्मीदवार बनाए लेकिन उनकी जगह अनिल बलूनी के नाम का एलान होने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं का एक बड़ा तबका खुश नहीं है।इसके पीछे वजह यही है कि अनिल बलूनी का पार्टी के आम कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद कभी नहीं रहा, वह आम कार्यकर्ता की पहुँच से दूर रहते है,सरल और सौम्य व्यवहार के चलते तीरथ सिंह रावत से पार्टी का आम कार्यकर्ता भी खुद को उनसे जुड़ा पाता था वही अनिल बलूनी से असहज पा रहा है।ब्रांड मोदी और संगठन के प्रति कार्यकर्ताओ की निष्ठा है इसलिए अनिल बलूनी को फायदा मिल सकता हैं।

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अनिल बलूनी अपने लिए सुरक्षित सीट तलाश कर रहे थे और उत्तराखंड की पौड़ी लोकसभा सीट से ज्यादा सुरक्षित सीट उनके लिए कोई हो नही सकती थी।

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इस सीट पर अपनी दावेदारी कर रहे थे लेकिन पार्टी ने उनको हरिद्वार सीट पर लोक सभा का टिकट दिया हैं।

आपको बता दें कि उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य रह चुके अनिल बलूनी को पहले पूर्वी दिल्ली की लोकसभा सीट से पार्टी उम्मीदवार बनाने की तैयारी में थी। गौतम गंभीर के इस्तीफा के बाद अनिल बलूनी पार्टी के उम्मीदवार हो सकते थे।पार्टी उत्तराखंड की पौड़ी लोकसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा सांसद तीरथ रावत का टिकट काटने और उसी सीट पर एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और अनिल बलूनी की दावेदारी से असमंजस में थी।वह अनिल बलूनी को गौतम गंभीर की जगह पूर्वी दिल्ली से लड़ाना चाह रही थी लेकिन बलूनी साहस नहीं जुटा सके। बताया जा रहा है कि पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार से मुकाबला करने से अनिल बलूनी असुरक्षित महसूस करने लगे। यहां कांग्रेस का उम्मीदवार नहीं है इंडिया गठबंधन के चलते इस सीट पर आप उम्मीदवार कुलदीप कुमार की स्थिति मजबूत मानी जा रही है,दूसरी अनिल बलूनी की यहां खुद की कोई जमीनी पकड़ नहीं है इसलिए वह सुरक्षित सीट की तलाश में रहे। भाजपा में गुजरात लॉबी के करीबी होने का फायदा उन्हें मिला है इसलिए उत्तराखंड की सबसे ज्यादा सुरक्षित लोकसभा सीट पौड़ी का टिकट पाने में कामयाब रहे। मौजूदा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री की दावेदारी को झटका देकर वह टिकट पाने में कामयाब हुए है।

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक को भी आज झटका मिला हैं। पार्टी हाई कमान ने उनका लोकसभा चुनाव का टिकट काटकर पार्टी के भीतर ही उनके राजनीतिक विरोधी रहे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को थमा दिया हैं।

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